"नदी": अवतरणों में अंतर
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नदी :एक जल स्तोत्र |
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नदी दो प्रकार की होती है- सदानीरा या बरसाती। सदानीरा नदियों का स्रोत [[झील]], [[झरना]] अथवा [[हिमनद]] होता है और वर्ष भर जलपूर्ण रहती हैं, जबकि बरसाती नदियाँ बरसात के पानी पर निर्भर करती हैं। [[गंगा]], [[यमुना]], [[कावेरी]], [[ब्रह्मपुत्र]], [[अमेज़न नदी|अमेज़न]], [[नील नदी|नील]] आदि सदानीरा नदियाँ हैं। नदी के साथ मनुष्य का गहरा सम्बंध है। नदियों से केवल फसल ही नहीं उपजाई जाती है बल्कि वे सभ्यता को जन्म देती हैं अपितु उसका लालन-पालन भी करती हैं। इसलिए मनुष्य हमेशा नदी को देवी के रूप में देखता आया है।
हमारे अतीत में ऋषि, मुनियों ने इन नदियों के किनारे ज्ञान को प्राप्त किया। अभी भी बड़े बड़े विकसित महानगर नदियों के किनारे बसे हैं। मानव सभ्यता और सस्कृति नदियों के किनारे ही फली फुली है।
==संदर्भ==
{{Reflist}}
[[नदी]] के 3 भूवैज्ञानिक कार्य भी हैं,जो इस प्रकार हैं:-
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