"छत्तीसगढ़": अवतरणों में अंतर

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'''छत्तीसगढ़''' [[भारत]] का एक [[राज्य]] है। इसका गठन १ नवम्बर २००० को हुआ था और यह भारत का २६<sup>वां</sup> राज्य है। पहले यह [[मध्य प्रदेश]] के अन्तर्गत था। डॉ॰ हीरालाल के मतानुसार छत्तीसगढ़ '[[चेदि राजवंश|चेदीशगढ़]]' का [[अपभ्रंश]] हो सकता है। कहते हैं किसी समय इस क्षेत्र में 36 गढ़ थे, इसीलिये इसका नाम छत्तीसगढ़ पड़ा। किंतु गढ़ों की संख्या में वृद्धि हो जाने पर भी नाम में कोई परिवर्तन नहीं हुआ,छत्तीसगढ़ भारत का ऐसा राज्य है जिसे 'महतारी'(मां) का दर्जा दिया गया है।<ref>{{Cite web|url=https://www.mapsofindia.com/top-ten/geography/india-area.html|title=States In India having largest area|website=www.mapsofindia.com|access-date=2019-01-02}}</ref>[[भारत]] में दो क्षेत्र ऐसे हैं जिनका नाम विशेष कारणों से बदल गया - एक तो '[[मगध]]' जो बौद्ध विहारों की अधिकता के कारण "[[बिहार]]" बन गया और दूसरा '[[दक्षिण कौशल]]' जो छत्तीस गढ़ों को अपने में समाहित रखने के कारण "छत्तीसगढ़" बन गया। किन्तु ये दोनों ही क्षेत्र अत्यन्त प्राचीन काल से ही भारत को गौरवान्वित करते रहे हैं। "छत्तीसगढ़" तो वैदिक और पौराणिक काल से ही विभिन्न संस्कृतियों के विकास का केन्द्र रहा है। यहाँ के प्राचीन मन्दिर तथा उनके भग्नावशेष इंगित करते हैं कि यहाँ पर [[वैष्णव]], [[शैव]], [[शाक्त]], [[बौद्ध]] संस्कृतियों का विभिन्न कालों में प्रभाव रहा है। एक संसाधन संपन्न राज्य, यह देश के लिए बिजली और इस्पात का एक स्रोत है, जिसका उत्पादन कुल स्टील का 15% है।<ref>{{cite web|url=http://cg.gov.in/power/power1.htm|title=Chhattisgarh State – Power Hub|archiveurl=https://web.archive.org/web/20101120182905/http://cg.gov.in/power/power1.htm|archivedate=20 November 2010|deadurl=yes|accessdate=22 July 2011}}</ref>छत्तीसगढ़ भारत में सबसे तेजी से विकसित राज्यों में से एक है।<ref>{{cite web|url=http://india.gov.in/knowindia/st_chhattisgarh.php|title=Chhattisgarh -Steel|archiveurl=https://web.archive.org/web/20110707025600/http://india.gov.in/knowindia/st_chhattisgarh.php|archivedate=7 July 2011|deadurl=yes|accessdate=22 July 2011}}</ref>
 
== इतिहास गवाह है अयोध्या समार्ट रघु ने इस वंश की नीव रखी रघुवंशी का अर्थ रघु के वंशज समार्ट रघु के वंशज रघुवंशी कहलाते है मूल रूप से यह वंश भगवान सूर्य के पुत्र वैवस्वत मनु से प्रारंभ हुआ था आदि काल में ब्रह्मा जी ने भगवान सूर्य के पुत्र व्यवस्था मनु पृथ्वी का प्रथम राजा बनाया गया अयोध्या के राजा रघु से यह वंश रघुवंशी कहलाता है इस वंश में इच्छुक काकोरी स्तंभ हरिश्चंद्र माधव दत्ता समर भागीरथी अंबरीश दिलीप यह राजा हुए रघु एवं दशरथ राम राज्य में प्रतापी राजा हुए भारत का इतिहास 700 ईसा पूर्व में मिलता है इस समय 16 महाजनपद हुआ करते थे इनमें अवंती मगध ध्वस्त और कौशल महाजनपद यही जो नाम है आज कौशल जनपद यह छत्तीसगढ़ को कहते हैं कौशल जनपद उस समय जो प्रमुख राजा पिक्चर वनसी रघुवंशी राजा राहुल महाकौशल का शासन था राहुल महाकौशल काशी लुंबिनी कपिलवस्तु और कौशल यादी राज्य को जीतकर राजधानी साकेत यानी थी साकेत यानी अयोध्या श्री अवस्थी ने वाराणसी कौशल राज्य भी इनके अधीन था जो आज मध्य प्रदेश के बिलासपुर रायपुर अन्य जिले जो आज छत्तीसगढ़ में आते हैं वह सब दक्षिण कोशल राज्य में आते हैं यह सत्य प्रमाण मिलते हैं कि कौशल राज्य कहलाता है आज भी पुराणों में मिलता है जो आज छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर बिलासपुर आते हैं जिसमें सरगुजा जंगल से महाराष्ट्र होते हुए साउथ से श्रीलंका आज भी लक्ष्मण के पदचिन्ह लक्ष्मण की निशानी लक्ष्मण की यादी सब देखने को मिल जाएगी आज भी उसी गुफा किस गुफा में 100 फीट से लेकर 100 फीट आज भी हाथी घोड़े आदि के चिन्ह बिल्कुल सत्य है जहां श्री रामचंद्र जी और सीता जी ने वनवास के समय क्या इकट्ठा थे आज भी वह जंगल मौजूद है सौमित्र जो थे राजा हुए मगध राज्य नंद वंश राज हुए और मगध राज्य को नंद वंश ने हराकर मित्र को भी हरा कर रघुवंशी का समाप्त कर दिया फिर यह समाप्त हुए ==
== इतिहास ==
<br />{{main|रामायणकालीन छत्तीसगढ़}}
छत्तीसगढ़ प्राचीनकाल के दक्षिण कोशल का एक हिस्सा है और इसका इतिहास पौराणिक काल तक पीछे की ओर चला जाता है। पौराणिक काल का 'कोशल' प्रदेश, कालान्तर में 'उत्तर कोशल' और 'दक्षिण कोशल' नाम से दो भागों में विभक्त हो गया था इसी का 'दक्षिण कोशल' वर्तमान छत्तीसगढ़ कहलाता है। इस क्षेत्र के [[महानदी]] (जिसका नाम उस काल में 'चित्रोत्पला' था) का [[मत्स्य पुराण]]{{Ref_label|मत्स्यपुराण|क|none}}, [[महाभारत]]{{Ref_label|महाभारत|ख|none}} के [[भीष्म पर्व]] तथा [[ब्रह्म पुराण]]{{Ref_label|ब्रह्मपुराण|ग|none}} के भारतवर्ष वर्णन प्रकरण में उल्लेख है। [[वाल्मीकि रामायण]] में भी छत्तीसगढ़ के बीहड़ वनों तथा महानदी का स्पष्ट विवरण है। स्थित [[सिहावा पर्वत]] के [[आश्रम]] में निवास करने वाले [[श्रृंगी ऋषि]] ने ही [[अयोध्या]] में राजा [[दशरथ]] के यहाँ [[पुत्रकामेष्टि|पुत्र्येष्टि यज्ञ]] करवाया था जिससे कि तीनों भाइयों सहित भगवान [[राम|श्री राम]] का [[पृथ्वी]] पर अवतार हुआ। राम के काल में यहाँ के वनों में ऋषि-मुनि-तपस्वी आश्रम बना कर निवास करते थे और अपने वनवास की अवधि में राम यहाँ आये थे।