"यमुना नदी": अवतरणों में अंतर

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ब्रजभाषा के भक्त कवियों और विशेषतः वल्लभ सम्प्रदायी कवियों ने गिरिराज गोवर्धन की भाँति यमुना के प्रति भी अतिशय श्रद्धा व्यक्त की है। इस सम्प्रदाय का शायद ही कोई कवि हो, जिसने अपनी यमुना के प्रति अपनी काव्य - श्रद्धांजलि अर्पित न की हो। उनका यमुना स्तुति संबंधी साहित्य ब्रजभाषा भक्ति काव्य का एक उल्लेखनीय अंग है।
 
'''श्री यमुना वन्दना '''
वृजमंडल की आधार ओ यमुना महारानी
वृजमंडल की आधार ओ यमुना महारानी
कान्हा तटपर मुरली बजाते थे
तेरे मन को बहुत लुभाते थे
तेरा भक्त धरें नित ध्यान ओ यमुना महारानी
वृजमंडल की आधार ओ यमुना महारानी
तेरी महिमा वेद पुराणों में
साँवरिया तेरी धारों में
नित होते आरती गान ओ यमुना महारानी
वृजमंडल की आधार ओ यमुना महारानी
 
 
{{गंगा}}