"ध्यानचंद सिंह": अवतरणों में अंतर
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उन्हें '''हॉकी का जादूगर''' ही कहा जाता है। उन्होंने अपने खेल जीवन में 1000 से अधिक गोल दागे। जब वो मैदान में खेलने को उतरते थे तो गेंद मानों उनकी हॉकी स्टिक से चिपक सी जाती थी। उन्हें १९५६ में भारत के प्रतिष्ठित नागरिक सम्मान [[पद्मभूषण]] से सम्मानित किया गया था। इसके अलावा बहुत से संगठन और प्रसिद्ध लोग समय-समय पर उन्हे 'भारतरत्न' से सम्मानित करने की माँग करते रहे हैं किन्तु अब केन्द्र में [[भारतीय जनता पार्टी]] की सरकार होने से उन्हे यह सम्मान प्रदान किये जाने की सम्भावना बहुत बढ़ गयी है।<ref>[http://zeenews.india.com/hindi/sports/sports-ministry-write-letter-to-pmo-request-for-bharat-ratna-to-dhyan-chand/329225 खेल मंत्रालय ने पीएमओ को लिखी चिट्ठी, हॉकी के जादूगर ध्यानचंद को 'भारत रत्न' देने का आग्रह]</ref><ref>[http://www.amarujala.com/sports/hockey/sports-minister-vijay-goel-writes-to-pmo-requesting-bharat-ratna-for-dhyan-chand खेल मंत्री विजय गोयल ने प्रधानमंत्री को लिखी चिट्ठी, ध्यानचंद को भारत रत्न देने की मांग]
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