"परिक्रमा": अवतरणों में अंतर

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भारतीय धर्मों ([[हिन्दू धर्म|हिन्दू]], [[जैन धर्म|जैन]], [[बौद्ध धर्म|बौद्ध]] आदि) में पवित्र स्थलों के चारो ओर श्रद्धाभाव से चलना [https://www.travelteacher.in/2019/12/girnar-ka-shivratri-mela-aur-lili.html?m=1 '<nowiki/>'''परिक्रमा''''] या ''''प्रदक्षिणा'''' कहलाता है। [[मन्दिर]], [[नदी]], [[पर्वत]] आदि की परिक्रमा को पुण्यदायी माना गया है।
 
चौरासी कोसी परिक्रमा, पंचकोसी परिक्रमा आदि का विधान है। परिक्रमा की यात्रा पैदल, बस या दूसरे साधनों से तय की जा सकती है लेकिन अधिकांश लोग परिक्रमा पैदल चलकर पूर्ण करते हैं। परिक्रमा दक्षिणावर्त (क्लॉक-वाइज) होती है, अर्थात परिक्रमा करते समय देवस्थान या देवता अपने दाएँ हाथ की तरफ रहते हैं।