"अहिल्या": अवतरणों में अंतर

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हिन्दू मिथक लिखा था जो कि गलत है जब राम और कृष्ण को हम देव या भगवान मानते है और उनका जन्म स्थान और यात्रा स्थान आदि सब के प्रमाण भी है तो उसे मिथक कैसे कहेंगे? क्या किसी के बाबा के पर बाबा की फ़ोटो न हो और आज की पीढ़ी को बताया जाए कि आप के बाबा बहुत हट्टे कट्टे थे तो इसे मिथक कहेंगे? नही ज्ञान एक लिखित होता है एक वर्णित एक सर्व विदित तो कुछ बात वर्णित है जो एक दूसरे से कह कर बताई गई उसी के आधार पर मैने उसे सनातन कथाओ कर दिया
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| children = शतनन्दा
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'''अहल्या''' अथवा '''अहिल्या''' हिन्दूसनातन मिथकोंधर्म की कथाओं में वर्णित एक स्त्री पात्र हैं, जो [[गौतम ऋषि]] की पत्नी थीं। ब्राह्मणों और पुराणों में इनकी कथा छिटपुट रूप से कई जगह प्राप्त होती है और [[रामायण]] और बाद की रामकथाओं में विस्तार से इनकी कथा वर्णित है। कथाओं के अनुसार यह गौतम ऋषि की पत्नी और ब्रह्माजी की मानसपुत्री थी। [[ब्रह्मा]] ने अहल्या को सबसे सुंदर स्त्री बनाया। सभी [[देवता]] उनसे विवाह करना चाहते थे। ब्रह्मा ने एक शर्त रखी जो सबसे पहले त्रिलोक का भ्रमण कर आएगा वही अहल्या का वरण करेगा। [[इंद्र]] अपनी सभी चमत्कारी शक्ति द्वारा सबसे पहले त्रिलोक का भ्रमण कर आये। लेकिन तभी [[नारद]] ने ब्रह्माजी को बताया की ऋषि [[गौतम]] ने इंद्र से पहले किया है। नारदजी ने ब्रह्माजी को बताया की अपने दैनिक पूजा क्रम में ऋषि गौतम ने गाय माता का परिक्रमा करते समय बछडे को जन्म दिया। वेदानुसार इस अवस्था में गाय की परिक्रमा करना त्रिलोक परिक्रमा समान होता है। इस तरह माता अहल्या की शादी [[अत्रि]] ऋषि के पुत्र ऋषि गौतम से हुआ।
 
इंद्र के गलती की वजह ऋषि गौतम ने माता अहिल्या शाप देकर पत्थर बना दिया। कालांतर में प्रभु श्रीराम के चरणस्पर्श द्वारा वे पुन: स्त्री बनी।