"कथकली": अवतरणों में अंतर
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आट्टक्कथा गायक (भागवतर) द्वारा कथकळि की कथा की प्रस्तुति होती है, उसी के आधार पर नट अभिनय करते हैं। कथकळि में दो गायक होते हैं, पहले एक गायक गाता है, दूसरा गायक उसको दोहराता है। पहले गाने वाले को 'पोन्नानि' और दूसरे गायक को 'शिंकिटि' कहा जाता है। जब तक नट गीतों के भाव और अर्थ को पूर्णतः अभिनीत करते हैं तब तक गायक गाते रहते हैं। कथकळि संगीत को Mood Music भी कहा जाता है।
माना जाता है कि सोपान संगीत से कथकळि
कुछ विशिष्ट राग जैसे कि पाटि, पुरनिरा आदि रागों का प्रयोग केवल कथकळि में ही होता है। कथकळि संगीत के कुछ प्रसिद्ध गायक हैं - कलामण्डलम उण्णिकृष्ण कुरुप, तकष़ि कुट्टन पिळ्ळै, चेर्तला कुट्टप्पा कुरुप, कलामण्डलम गंगाधरन, कलामण्डलम नीलकंठन नंपीशन, वेंकिटकृष्ण भागवतर, कलामण्डलम शंकरन एम्प्रांतिरि, कलामण्डलम हैदर अली, कलामण्डलम हरिदास आदि। ▼
▲कुछ विशिष्ट राग जैसे कि पाटि, पुरनिरा आदि रागों का प्रयोग केवल कथकळि में ही होता है। कथकळि संगीत के कुछ प्रसिद्ध गायक हैं - कलामण्डलम उण्णिकृष्ण कुरुप, तकष़ि कुट्टन पिळ्ळै, चेर्तला कुट्टप्पा कुरुप, कलामण्डलम गंगाधरन, कलामण्डलम नीलकंठन नंपीशन, वेंकिटकृष्ण भागवतर, कलामण्डलम शंकरन एम्प्रांतिरि, कलामण्डलम हैदर अली, कलामण्डलम हरिदास आदि।
== आट्टक्कथाएँ ==
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