"परमार वंश": अवतरणों में अंतर

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राजस्थान के लोकगाथाओं की मौखिक परंपरा में प्राप्त [[भरथरी]] लोकगाथा का कथानक है, जिसमें उल्लेख मिलता है कि - 'उज्जैनी के शासक पँवार वंशी भरथरी की दो राणीयाँ थीं। एक का नाम स्यामदे तथा दुसरी राणी का नाम पिंगला था।' <ref>राजस्थानी लोकगाथा का अध्ययन. कृष्ण कुमार शर्मा. राजस्थान प्रकाशन. 1972.</ref>
पँवार या प्रमार अग्निवंश के अति शक्तिशाली लोग थे। उनकी 35 शाखाएं थीं। 'पृथ्वी पँवारों की है' ऐसी कहावत यह दर्शाती है कि उनका प्रभुत्व व्यापक था। <ref>Rajputana classes.1921. Government monotype press. 1922.</ref>
मालवगणमुख्य चक्रवर्ती सम्राट विक्रमादित्य भी पोवार थे। <ref>The History of India as Told by Its Own Historians. The Mohammadan Period. The posthumous paper of H. M. Elliot. Vol. 211.S.<ref>
Gupta.(India)1952.</ref>