"करण जौहर": अवतरणों में अंतर
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== जीवनी ==
करण जौहर ने धर्म प्रोडक्शंस के बैनर तले कई फिल्मों का निर्माण किया है। फ्रेंच कोर्स खत्म करने के बाद करण पेरिस से जन संचार में एक डिग्री प्राप्त करना चाहते थे लेकिन उनके मित्र आदित्य चोपड़ा ने उनकी फिल्म दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे के लिए मदद पूछा और जौहर ने हाँ कहा। इसके बाद उनकी पूरी ज़िन्दगी ही बदल गई। जब करण स्विट्जरलैंड मे दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे पर काम कर रहे थे, तब शाहरुख खान ने करण को सुझाव दिया कि वह अपनी खुद की फिल्म का निर्देशिन करे। इसी सुझाव के कारण, करण जौहर ने कुछ कुछ होता है को बनाया। इस फिल्म ने १९९८ के फिल्मफेयर अवार्ड मे ८ पुरस्कार जीते। इन मे से सर्वश्रेष्ठ फिल्म और सर्वश्रेष्ठ निर्देशक के पुरस्कार भी थे। जौहर की दूसरी निर्देशकीय प्रयास थी २००१ की परिवार नाटक, 'कभी खुशी कभी गम'। यह फिल्म भी बहुत सफलता से चली और् इस फिल्म ने ५ फिल्मफैयर अवार्ड जीते। इन दोनो फिल्मो के बाद करण ने निर्देशन को थोडी देर के लिए छोड कर कई फिल्मो का उत्पादन और लेखन किया जैसे कि 'कल हो ना हो' और 'काल'। मई २००५ मई निर्देशन से चार साल अंतराल लेने के बाद, निर्देशक के रूप मे तीसरा फिल्म बनाया - 'कभी अलविदा ना कहना'। यह फिल्म विदेशो मे सबसे अधिक कमाई करने वाला फिल्म था। नवम्बर २००९ मे जौहर ने 'माइ नेम इज़ ख़ान' कि शूटिंग खतम की। इस फिल्म मे शाहरुख खान और काजोल ने अभिनय किया है। इस फिल्म को घने सकारात्मक समीक्षा मिली और बॉक्स ऑफिस पर भी अच्छा किया। इस फिल्म के प्रिमीयर अबू धाबी और बर्लिन मे भी हुए। उन्होने अपने पिता के फिल्म, अग्निपथ का रीमेक भी बनाया और कहा जा रहा है कि वे 'दोस्ताना २' का भी उत्पादन करेंगे। वे 'कॉफी विथ करण' नाम के शो के होस्ट है जिसमे वह बॉलीवुड और भारत की ग्लैमर की दुनिया से प्रसिद्ध हस्तियों का इंटरव्यू करते है। अब इस शो का चौथा सीज़न चल रहा है। एक बेहद समझदार डाइरेक्टर और एंकर ....
== प्रमुख फिल्में ==
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