"कबीर": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
छोटा सा सुधार किया। टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल एप सम्पादन Android app edit |
→कृतियां: व्याकरण में सुधार टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल एप सम्पादन Android app edit |
||
पंक्ति 51:
धर्मदास ने उनकी वाणियों का संग्रह " बीजक " नाम के ग्रंथ मे किया जिसके तीन मुख्य भाग हैं : साखी , सबद (पद ), रमैनी
*''' साखी''': संस्कृत ' साक्षी , शब्द का विकृत रूप है और धर्मोपदेश के अर्थ में प्रयुक्त हुआ है। अधिकांश
*'''सबद ''' गेय पद है जिसमें पूरी तरह संगीतात्मकता विद्यमान है। इनमें उपदेशात्मकता के स्थान पर भावावेश की प्रधानता है ; क्योंकि इनमें कबीर के प्रेम और अंतरंग साधना की अभिव्यक्ति हुई है।
|