"कबीर": अवतरणों में अंतर
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पंक्ति 59:
== धर्म के प्रति ==
साधु संतों का तो घर में जमावड़ा रहता ही था। कबीर पढ़े-लिखे नहीं थे- 'मसि कागद छूवो नहीं, कलम गही नहिं हाथ।'उन्होंने स्वयं ग्रंथ नहीं लिखे,
वे कभी कहते हैं- <blockquote>
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