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|religion = [[हिन्दुधर्म]]
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'''पृथ्वीराज चौहान''' ({{IPA audio link|भारतेश्वरः पृथ्वीराजः चौहानः.wav}}) ({{lang-sa|भारतेश्वरः पृथ्वीराजः}}, {{lang-en|Prithviraj Chavhan}}) (सन् 1178-1192) [[चौहान वंश]] के [[हिंदू]] क्षत्रिय राजा थे, जो उत्तर भारत में १२ वीं सदी के उत्तरार्ध में [[अजमेर]] (अजयमेरु ) और [[दिल्ली]] पर राज्य करते थे। वे भारतेश्वर, पृथ्वीराजतृतीय, हिन्दूसम्राट्, सपादलक्षेश्वर, राय पिथौरा इत्यादि नाम से प्रसिद्ध हैं। भारत के अन्तिम [[हिन्दू धर्म|हिन्दूराजा]] के रूप में प्रसिद्ध पृथ्वीराज १२३५ विक्रम संवत्सर में पंद्रह वर्ष (
उसके पश्चात् अनेक लघु और मध्यम युद्ध पृथ्वीराज के और गोरी के मध्य हुए।विभिन्न ग्रन्थों में जो युद्ध सङ्ख्याएं मिलती है, वे सङ्ख्या ७, १७, २१ और २८ हैं। सभी युद्धों में पृथ्वीराज ने गोरी को बन्दी बनाया और उसको छोड़ दिया। परन्तु अन्तिम बार नरायन के द्वितीय युद्ध में मोहम्मद गौरी ने पृथ्वीराज चौहान को रात के अंधेरे में छल कपट से बंदी बना लिया , पश्चात् गोरी ने पृथ्वीराज को कुछ दिनों तक '[[इस्लाम|इस्लाम्]]'-धर्म का अङ्गीकार करवाने का प्रयास करता रहा। उस प्रयोस में पृथ्वीराज को शारीरक पीडाएँ दी गई। शरीरिक यातना देने के समय गोरी ने पृथ्वीराज को अन्धा कर दिया। अन्ध पृथ्वीराज ने अपने मित्र
शरीरेण समं नाशं सर्वम् अन्यद्धि गच्छति॥ ८.१७॥ [[मनुस्मृतिः]] }}</poem>
==इन्हें भी देखें==
*[[पृथ्वीराज रासो]]
*[[विग्रहराज चौहान]]
*[[संयोगिता चौहान]]
*[[सरस्वती कण्ठाभरण विद्यापीठ]]
* [[चंदरबरदाई]]
== सन्दर्भ ==
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