"त्रिफला": अवतरणों में अंतर

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== औषधि के रूप में त्रिफला ==
#.रात को सोते वक्त 5 ग्राम (एक चम्मच भर) त्रिफला चूर्ण हल्के गर्म दूध अथवा गर्म पानी के साथ लेने से कब्ज दूर होती है।
#.[https://www.herbalyogiremedy.com/2019/12/how-to-consume-triphla-powder-according-to-the-seasons.html त्रिफला] व ईसबगोल की भूसी दो चम्मच मिलाकर शाम को गुनगुने पानी से लें इससे कब्ज दूर होती है।
#इसके सेवन से नेत्रज्योति में आश्चर्यजनक वृद्धि होती है।
#सुबह पानी में 5 ग्राम त्रिफला चूर्ण साफ़ मिट्टी के बर्तन में भिगो कर रख दें, शाम को छानकर पी लें। शाम को उसी त्रिफला चूर्ण में पानी मिलाकर रखें, इसे सुबह पी लें। इस पानी से आँखें भी धो ले। मुँह के छाले व आँखों की जलन कुछ ही समय में ठीक हो जायेंगे।
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#त्रिफला एंटिसेप्टिक की तरह से भी काम करता है। इस का काढ़ा बनाकर घाव धोने से घाव जल्दी भर जाते है।
#त्रिफला पाचन और भूख को बढ़ाने वाला और लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या में वृद्धि करने वाला है।
#[https://www.herbalyogiremedy.com/search/label/Weight%20Loss मोटापा] कम करने के लिए त्रिफला के गुनगुने काढ़े में शहद मिलाकर ले। त्रिफला चूर्ण पानी में उबालकर, शहद मिलाकर पीने से चरबी कम होती है।
#त्रिफला का सेवन मूत्र-संबंधी सभी विकारों व मधुमेह में बहुत लाभकारी है। प्रमेह आदि में शहद के साथ त्रिफला लेने से अत्यंत लाभ होता है।
#त्रिफला की राख शहद में मिलाकर गरमी से हुए त्वचा के चकतों पर लगाने से राहत मिलती है।
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ट्रॉम्बे स्थित [[भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र|भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र]] के विकिरण रसायन विज्ञान और रासायनिक डायनेमिक्स प्रभाग में संचालित अध्ययनों में यह पता चला कि त्रिफला के तीनों घटक सक्रिय हैं और वे अलग-अलग परिस्थितियों में कुछ भिन्न गतिविधियों का प्रदर्शन करते हैं और इन अलग-अलग घटकों की संयोजित गतिविधि के कारण त्रिफला मिश्रण के और अधिक कार्यकुशल होने की अपेक्षा की जाती है। इस अध्ययन के परिणाम फ़ाइटोथेरेपी रिसर्च के जुलाई 2005 के अंक में प्रकाशित किए गए थे। दो महीने बाद, भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिकों ने त्रिफला के एक घटक की रेडियो रक्षात्मक क्षमता की जानकारी दी.
 
इसी तरह के परिणाम कस्तूरबा मेडिकल कॉलेज, मणिपाल की ओर से जरनल ऑफ़ ऑल्टरनेटिव एंड काँप्लिमेंटरी मेडिसिन में प्रकाशित किए गए थे जहां वैज्ञानिकों ने दावा किया था कि "आयुर्वेदिक रसायन औषधि [https://www.herbalyogiremedy.com/2019/12/how-to-consume-triphla-powder-according-to-the-seasons.html त्रिफला] की मदद से विकिरण टॉलरेंस में 1.4 ग्रे गामा-किरणन की वृद्धि हुई". उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि जहां त्रिफला से गैस्ट्रोइंटेस्टिनल और हीमोपोयटिक मृत्यु से सुरक्षा प्रदान की जा सकी, वहीं पशु 11 GY से अधिक किरणन के संपर्क में आने के बाद 30 दिनों से अधिक नहीं जी पाए.<ref>
{{cite journal | author=Jagetia G.C. ''et al.'' | title=Triphala, an ayurvedic rasayana drug, protects mice against radiation-induced lethality by free-radical scavenging ([http://www.ncbi.nlm.nih.gov/entrez/query.fcgi?cmd=Retrieve&db=PubMed&list_uids=15673991&dopt=Abstract online]) | journal= J Altern Complement Med | year=2004 | volume=10| issue=6 | pages=971–978 | doi=10.1089/acm.2004.10.971 | pmid=15673991}}
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== बाहरी कड़ियाँ ==
 
* [https://www.herbalyogiremedy.com/2019/12/how-to-consume-triphla-powder-according-to-the-seasons.html त्रिफला चूर्ण को ऋतुओ के अनुसार कैसे सेवन करें]
 
* [http://www.radhakripa.com/radhakripa/radhakripa.php?pageid=book&book=aayurved&article=trifala&lang=hindi सब रोगों की एक दवा : त्रिफला]
* [http://www.ashram.org/Publications/ArticleView/tabid/417/ArticleId/416/.aspx आयुर्वेद का अनमोल उपहार : त्रिफला]