"रविदास": अवतरणों में अंतर
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चौदह से तैंतीस कि माघ सुदी पन्दरास । दुखियों के
कल्याण हित प्रगटे
उनके पिता राहू तथा माता का नाम करमा था। उनकी पत्नी का नाम लोना बताया जाता है। रैदास ने साधु-सन्तों की संगति से पर्याप्त व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त किया था। वे जूते बनाने का काम किया करते थे औऱ ये उनका व्यवसाय था और उन्होंने अपना काम पूरी लगन तथा परिश्रम से करते थे और समय से काम को पूरा करने पर बहुत ध्यान देते थे।
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