छोNo edit summary
टैग: यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
छोNo edit summary
टैग: यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
पंक्ति 28:
[http://www.hindikhani.com/2019/11/bhootkikahaniyan.html 10 ( भूतों की कहानियां )] <ref>{{Cite web|url=http://www.hindikhani.com/2019/11/bhootkikahaniyan.html|title=भूतो की सची काहनिया|last=|first=|date=|website=|archive-url=|archive-date=|dead-url=|access-date=}}</ref>
 
और हिन्दी कहानियाँ पड़ने के लिये आप हमरी [https://www.hindikhani.com वेबसाइट]<ref>{{Cite web|url=https://www.hindikhani.com|title=हिन्दी कहानियाँ पडने के लिये वेबसाइट पर आये|last=|first=|date=|website=|archive-url=|archive-date=|dead-url=|access-date=}}</ref> पर आये
 
जो हमारे मम्मी पापा या दादी कहनी सुनाती है वह हमेशा हमें याद रहती है और वही आगे जाकर हमारे लिए बहुत बड़ा काम भी करती हैं क्योंकि जो बचपन में हम सीखते हैं वह हमेशा हमें याद रहता है और जैसे भी जिंदगी में मोड़ आ जाए वह सीख हमेशा हमारी मदद करती है
 
<br />
== परिभाषा ==
अमेरिका के कवि-आलोचक-कथाकार '[[एडगर एलिन पो]]' के अनुसार कहानी की परिभाषा इस प्रकार हैः "कहानी वह छोटी आख्यानात्मक रचना है, जिसे एक बैठक में पढ़ा जा सके, जो पाठक पर एक समन्वित प्रभाव उत्पन्न करने के लिये लिखी गई हो, जिसमें उस प्रभाव को उत्पन्न करने में सहायक तत्वों के अतिरिक्‍त और कुछ न हो और जो अपने आप में पूर्ण हो।" हिंदी कहानी को सर्वश्रेष्ठ रूप देने वाले 'प्रेमचन्द' ने कहानी की परिभाषा इस प्रकार से की हैः "कहानी वह [[ध्रुपद]] की तान है, जिसमें गायक महफिल शुरू होते ही अपनी संपूर्ण प्रतिभा दिखा देता है, एक क्षण में चित्त को इतने माधुर्य से परिपूर्ण कर देता है, जितना रात भर गाना सुनने से भी नहीं हो सकता।" हिन्दी के लेखकों में [[प्रेमचंद]] पहले व्यक्ति हैं जिन्होंने अपने तीन लेखों में कहानी के सम्बंध में अपने विचार व्यक्त किए हैं – ‘कहानी (गल्प) एक रचना है जिसमें जीवन के किसी एक अंग या किसी एक मनोभाव को प्रदर्शित करना ही लेखक का उद्देश्य रहता है। उसके चरित्र, उसकी शैली, उसका कथा-विन्यास, सब उसी एक भाव को पुष्ट करते हैं। उपन्यास की भाँति उसमें मानव-जीवन का संपूर्ण तथा बृहत रूप दिखाने का प्रयास नहीं किया जाता। वह ऐसा रमणीय उद्यान नहीं जिसमें भाँति-भाँति के फूल, बेल-बूटे सजे हुए हैं, बल्कि एक गमला है जिसमें एक ही पौधे का माधुर्य अपने समुन्नत रूप में दृष्टिगोचर होता है।’ कहानी की और भी परिभाषाएँ उद्धृत की जा सकती हैं। पर किसी भी साहित्यिक विधा को वैज्ञानिक परिभाषा में नहीं बाँधा जा सकता, क्योंकि साहित्य में विज्ञान की सुनिश्चितता नहीं होती। इसलिए उसकी जो भी परिभाषा दी जाएगी वह अधूरी होगी।
"https://hi.wikipedia.org/wiki/कहानी" से प्राप्त