"सूर्य ग्रहण": अवतरणों में अंतर
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# चन्द्रमा का अक्षांश शून्य के निकट होना चाहिए।<ref>{{cite web |url=http://astrobix.com/indian_festivals/surya_grahan/Suryagrahan_When_Why_How.aspx |title=सूर्यग्रहण कब, क्यों और कैसे ? |accessmonthday= |accessyear= |last= |first= |authorlink= |format=ए.एस.पी |publisher=सूर्य ग्रहण | language = hi}}</ref>
उत्तरी ध्रुव को दक्षिणी ध्रुव से मिलाने वाली रेखाओं को रेखांश कहा जाता है तथा भूमध्य रेखा के चारो वृ्ताकार में जाने वाली रेखाओं को अंक्षाश के नाम से जाना जाता है। सूर्य ग्रहण सदैव अमावस्या को ही होता है। जब चन्द्रमा क्षीणतम हो और सूर्य पूर्ण क्षमता संपन्न तथा दीप्त हों। चन्द्र और [[
== प्रकार ==
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