"अध्यात्मवाद": अवतरणों में अंतर

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'''अध्यात्मवाद''' [[आत्मा]] को जगत का मूल मानने वाला एक प्रत्ययवादी [[विचार]] है। अध्यात्मवाद के एक मत के अनुसार भौतिक जगत [[परमात्मा]] तथा उसके गुणों की अभिव्यक्ति का माध्यम है। जबकि अन्य अध्यात्मवादियों के लिए वह मानव चेतना का मायाजाल है। अध्यात्मवाद के प्रतिपादक यह मानते हैं कि आत्मा का शरीर से स्वतंत्र अस्तित्व होता है। सुसंगत अध्यात्मवादी आधुनिक विज्ञान की उपलब्धियों का मिथ्याकरण करते हैं और विज्ञान के स्थान पर प्रेतात्माओं तथा दैवी विधान में [[अंधविश्वास]] की प्रतिष्ठापना करने का प्रयास करते हैं। अध्यात्म वह हकीकत है जो चर्मदृष्टि से दिखाई नहीं देती।देती ,इसे समझने मेंके विज्ञानलिये भी[[आत्मज्ञान]] नाकामकी रहाआवश्यकता होती है।<ref>{{Cite web|url=https://www.jagatgururampalji.org/|title=जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज: Jagat Guru Rampal Ji {{!}} Spiritual Leader {{!}} Official Website|last=|first=|date=|website=www.jagatgururampalji.org|archive-url=|archive-date=|dead-url=|access-date=2019-12-27}}</ref>
[[बुर्जुआबूर्जुआ]] दर्शन में अध्यात्मवाद का अर्थ बहुधा [[प्रत्ययवाद]] होता है।<ref>दर्शनकोश, प्रगति प्रकाशन, मास्को, १९८0, पृष्ठ-१५ ISBN: ५-0१000९0७-२</ref>
 
[[बुर्जुआ]] दर्शन में अध्यात्मवाद का अर्थ बहुधा [[प्रत्ययवाद]] होता है।<ref>दर्शनकोश, प्रगति प्रकाशन, मास्को, १९८0, पृष्ठ-१५ ISBN: ५-0१000९0७-२</ref>
 
== सन्दर्भ ==