"केदार घाट": अवतरणों में अंतर
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[[File:Kedar Ghat on the Ganges, Varanasi.jpg|thumb|गंगा किनारे स्थित केदार घाट का एक दृश्य।]]
'''कॆदार घाट''' गंगा किनारे एक बहुत ही रमणीक घाट है। यह घाट विजयानगरम घाट कॆ साथ मॆ है। इसकॆ समीप मॆ चौकी घाट पर शीतल जलधारा निकलती है। यहाँ हररोज शाम को गंगा आरती हॊती है। पंचगंगा नहान का असी घाट के बाद दूसरा नहान का पङाव है। इस घाट पर दक्षिण भारतीयॊ की बहुत भीड़ होती है। दक्षिण भारतीयॊ का महाकुंभ के नहान का विधान है। इस घाट पर बाबा केदार नाथ का अत्यन्त पुरातन मंदिर है। एक पौराणिक कथा के अनुसार राजा मान्धाता नित्य शंकर भगवान की पूजा अर्चना करते एवं दान इत्यादि के उपरान्त भोजन करते थे। एक दिन इनके मन में विचार आया, कि शरीर कमजोर हो रहा है पूजा अर्चना भी ठीक तरह से नहीं हो रहा है, तो आप (केदार नाथ) ही कोई उपाय करें। कुछ समय के उपरान्त राजा मान्धाता मकर संक्रान्ति के दिन शंकर भगवान की पूजा अर्चना के लिये तत्पर होकर पूजन के बाद खिचङी का भोग के दो भाग (शंकर एवं पार्वती )कर दिये, इतने में कोई
[[श्रेणी:वाराणसी के दर्शनीय स्थल]]
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