"भागलपुर": अवतरणों में अंतर

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विश्‍व प्रसिद्ध विक्रमशिला विश्‍वविद्यालय भागलपुर से 38 किलोमीटर दूर अन्तीचक गांव के पास है। विक्रमशिला विश्‍वविद्यालय नालन्‍दा के समकक्ष माना जाता था। इसका निर्माण पाल वंश के शासक धर्मपाल (770-810 ईसा ) ने करवाया था। धर्मपाल ने यहां की दो चीजों से प्रभावित होकर इसका निर्माण कराया था। पहला, यह एक लोकप्रिय तांत्रिक केंद्र था जो कोसी और गंगा नदी से घिरा हुआ था। यहां मां काली और भगवान शिव का मंदिर भी स्थित है। दूसरा, यह स्‍थान उत्‍तरवाहिनी गंगा के समीप होने के कारण भी श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बना रहता है। एक शब्‍दों में कहा जाए तो यह एक प्रसिद्ध तीर्थस्‍थान था।
 
=== कहलगांव ===हलगांव भागलपुर से 32 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां तीन छोटे-छोटे टापू हैं। कहा जाता है कि जाह्नु ऋषि के तप में गंगा की तीव्र धारा से यहीं पर व्‍यवधान पड़ा था। इससे क्रो‍धित होकर ऋषि ने गंगा को अपनी जांघ में कर लिया था। बाद में राजा भागीरथ के प्रार्थना के उपरांत उन्‍होंने गंगा को छोड़ दिया। इसके बाद से गंगा की धाराएं बदल गई और यह दक्षिण से उत्‍तर की ओर गमन करने लगी। एक मात्र पत्‍थर पर बना हुआ मंदिर भी देखने लायक है। इस प्रकार का मंदिर बिहार में अन्‍यत्र नहीं है। कहलगांव में डॉल्‍फीन को भी देखा जा सकता है। यहाँ एन. टी. पी. सी. भी है।
=== कहलगांव ===
कहलगांव भागलपुर से 32 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां तीन छोटे-छोटे टापू हैं। कहा जाता है कि जाह्नु ऋषि के तप में गंगा की तीव्र धारा से यहीं पर व्‍यवधान पड़ा था। इससे क्रो‍धित होकर ऋषि ने गंगा को अपनी जांघ में कर लिया था। बाद में राजा भागीरथ के प्रार्थना के उपरांत उन्‍होंने गंगा को छोड़ दिया। इसके बाद से गंगा की धाराएं बदल गई और यह दक्षिण से उत्‍तर की ओर गमन करने लगी। एक मात्र पत्‍थर पर बना हुआ मंदिर भी देखने लायक है। इस प्रकार का मंदिर बिहार में अन्‍यत्र नहीं है। कहलगांव में डॉल्‍फीन को भी देखा जा सकता है। यहाँ एन. टी. पी. सी. भी है।
 
इसके अलावा कुप्‍पा घाट, विषहरी स्‍थान, भागलपुर संग्रहालय, मनसा देवी का मंदिर, जैन मन्दिर, चम्पा, विसेशर स्थान, 25किलोमीटर दूर सुल्‍तानगंज आदि को देखा जा सकता है।
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