"कार्ब्युरेटर": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:CarbNomenclature.jpg|thumb|right|300px|बेन्डिक्स-टेक्निको का १-बैरेल वाला डाउनड्राफ्ट कार्ब्युरेटर मॉडल BXUV-3]]
 
'''कार्ब्युरेटर''' ([[अंग्रेज़ी]]:''carburetor'' या ''carburettor'') एक ऐसी यांत्रिक युक्ति है जो [[अन्तर्दहन इंजन|आन्तरिक दहन इंजन]] के लिये हवा और द्रव्य ईंधन को मिश्रित करती है। इसका आविष्कार कार्ल बेन्ज़ ने सन १८८५ के पहले किया था।<ref>विश्व बायोग्राफ़ी विश्वकोष, २००५-२००६, थॉमसन गेल</ref> बाद में १८८६ में इसे पेटेंट भी कराया गया।<ref>http://www.andrew.cmu.edu/user/shimada/cad06/handouts/first-car.pdf बेन्ज़name पेटेन्ट</ref>= कार्ब्युरेटर"हिन्दुस्तान शब्द"> की{{cite उत्पत्तिnews [[प्रेंच]]|first= शब्द|last= कार्ब्योर|authorlink= से|author= हुई|coauthors= है,|title= जिसकाकार्बोरेटर|trans_title= अर्थ|url= है कार्बाइड।<ref>[http://www.answers.com/carburet&r|format=67 कार्ब्युरेट:मुद्रित आन्सर्समीडिया|agency= डॉट|work= कॉम पर परिभाषा और बहुत कुछ<!-- संपादक द्वारा दिया गया शीर्षक-->]</ref> ईंधन रसायनशास्त्र के अनुसार, कार्ब्युरेटर ईंधन में|publisher= [[कार्बन]]हिन्दुस्तान की मात्रा को वाष्पशील हाइड्रोकार्बन से क्रिया करने के बाद बढ़ाता है। सामान्यतया यह ईंधन को हवा में मिश्रैत करने का काम करता है। १९८० के कुछ वर्षों बाद तक यह युक्ति ईंधन के दहन की प्राथमिक युक्ति हुआ करती थी, किंतु ''फ्यूअल इंजेक्शन प्रणाली'' के आने और बढ़ते प्रयोग के कारण कार्ब्युरेटर का प्रयोग काफी कम हुआ है। फिर भी [[मोटरसाइकिलदैनिक]]|location= आदि|id= में|pages= इसका|page= प्रयोग|date= आज|accessdate=|language= भीहिन्दी|quote= हुआ|archiveurl= करता है।|archivedate= }}</ref>
<ref>[http://www.andrew.cmu.edu/user/shimada/cad06/handouts/first-car.pdf बेन्ज़ पेटेन्ट]</ref> कार्ल बेन्ज़ [[मर्सिडीज़ बेन्ज़]] के संस्थापक हैं। इसका अधिक विकास [[हंगरी]] के अभियांत्रिक जैनोर सोएन्स्का डॊनैट बैन्की ने १८९३ में किया था। <ref>[http://www.scitech.mtesz.hu/51landmark/banki.htm कार्ब्युरेटर का अधिक विकास]</ref>. [[बर्मिंघम]], [[इंगलैंड]] के फ्रेड्रिक विलियम लैंकेस्टर ने कार्ब्युरेटर का परीक्षण कारों पर किया और १८९६ में उसने अपने भाई के साथ इंगलैंड की प्रथम [[पेट्रोल]] कार बनाई। इस कार में एक ही सिलिंडर ८&nbsp;[[अश्व शक्ति|हॉर्स पावर]] (४&nbsp;[[वॉट|किलोवॉट]]) का अन्तर्दहन इंजन चेन ड्राइव के संग लगा था। अगले ही वर्ष उन्होंने इसे दो क्षैतिज विरोधक सिलिंडरों सहित नये कार्ब्युरेटर डिज़ाइन के साथ निकाला। इस प्रतिरूप ने वर्ष १९०० १००० [[मील]] (१६०० [[किलोमीटर|कि.मी.]]) की दूरी निर्विघ्न तय की।
 
कार्ब्युरेटर शब्द की उत्पत्ति [[प्रेंच]] शब्द कार्ब्योर से हुई है, जिसका अर्थ है कार्बाइड।<ref>[http://www.answers.com/carburet&r=67 कार्ब्युरेट: आन्सर्स डॉट कॉम पर परिभाषा और बहुत कुछ<!-- संपादक द्वारा दिया गया शीर्षक-->]</ref> ईंधन रसायनशास्त्र के अनुसार, कार्ब्युरेटर ईंधन में [[कार्बन]] की मात्रा को वाष्पशील हाइड्रोकार्बन से क्रिया करने के बाद बढ़ाता है। सामान्यतया यह ईंधन को हवा में मिश्रैत करने का काम करता है। १९८० के कुछ वर्षों बाद तक यह युक्ति ईंधन के दहन की प्राथमिक युक्ति हुआ करती थी, किंतु ''फ्यूअल इंजेक्शन प्रणाली'' के आने और बढ़ते प्रयोग के कारण कार्ब्युरेटर का प्रयोग काफी कम हुआ है। फिर भी [[मोटरसाइकिल]] आदि में इसका प्रयोग आज भी हुआ करता है।<ref name = "हिन्दुस्तान "/>
कार्ब्युरेटर एक नली का बना होता है, जिसके संतुलन हेतु एक पत्ती (प्लेट) लगी होती है। इस पत्ती को '''''थ्रोटल प्लेट''''' कहा जाता है। यह प्लेट वायु के बहाव का नियंत्रण करके संतुलन बनाती है। इंजन के स्टार्ट होने पर ईंधन में मिश्रित होने वाली वायु के अनुपात को यही थ्रोटल-प्लेट नितंत्रित करती है। कार्ब्युरेटर के संकरे भाग, जिसे वेंच्युरी कहते हैं; में लगे एक जेट से निर्वात के द्वारा ईंधन को खींचा जाता है। इस ईंधन की गति वहां उपस्थित वायु के दबाव द्वारा नियंत्रित होती है। यह [[बर्नॉली के सिद्धांत]] के अनुसार होता है। इसी सिद्धांत पर कार्ब्युरेटर काम करता है। यही कार्ब्युरेटर यदि वायु और ईंधन के अनुपात में गड़बड़ करने लगे, तो इंजन के स्टार्ट होने में समस्या आ जाती है। यह अनुपात अधिक होने पर इंजन काम नहीं करता है, बंद हो जाता है,या स्टार्ट ही नहीं हो पाता है। यही अनुपात बहुत कम होने पर इंजन खराब होने का खतरा भी होता है।
 
[[Image:Carburetor.svg|thumb|left|upright=y|कार्ब्युरेटर का क्रॉस-सेक्शनल दृश्य आरेख]]
कार्ब्युरेटर एक नली का बना होता है, जिसके संतुलन हेतु एक पत्ती (प्लेट) लगी होती है। इस पत्ती को '''''थ्रोटल प्लेट''''' कहा जाता है।<ref name = "हिन्दुस्तान "/> यह प्लेट वायु के बहाव का नियंत्रण करके संतुलन बनाती है। इंजन के स्टार्ट होने पर ईंधन में मिश्रित होने वाली वायु के अनुपात को यही थ्रोटल-प्लेट नितंत्रित करती है। कार्ब्युरेटर के संकरे भाग, जिसे वेंच्युरी कहते हैं; में लगे एक जेट से निर्वात के द्वारा ईंधन को खींचा जाता है। इस ईंधन की गति वहां उपस्थित वायु के दबाव द्वारा नियंत्रित होती है। यह [[बर्नॉली के सिद्धांत]] के अनुसार होता है। इसी सिद्धांत पर कार्ब्युरेटर काम करता है। यही कार्ब्युरेटर यदि वायु और ईंधन के अनुपात में गड़बड़ करने लगे, तो इंजन के स्टार्ट होने में समस्या आ जाती है। यह अनुपात अधिक होने पर इंजन काम नहीं करता है, बंद हो जाता है,या स्टार्ट ही नहीं हो पाता है। यही अनुपात बहुत कम होने पर इंजन खराब होने का खतरा भी होता है।
 
==संदर्भ==