"वाजिद अली शाह": अवतरणों में अंतर

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'''वाजिद अली शाह''' [[लखनऊ]] और [[अवध]] के नवाब रहे। ये [[अमजद अली शाह]] के पुत्र थे। इनके बेटे [[बिरजिस क़द्र]] अवध के अंतिम नवाब थे।
संगीत की दुनिया में नवाब वाजिद अली शाह का नाम अविस्मरणीय है। ये 'ठुमरी' इस संगीत विधा के जन्मदाता के रूप में जाने जाते हैं। इनके दरबार में हर दिन संगीत का जलसा हुआ करता था। इनके समय में ठुमरी को कत्थक नृत्य के साथ गाया जाता था। इन्होने कई बेहतरीन ठुमरियां रची। कहा जाता है कि जब अंग्रेजों ने अवध पर कब्जा कर लिया और नवाब वाजिद अली शाह को देश निकाला दे दिया, तब उन्होने 'बाबुल मोरा नैहर छूटो जाय्' यह प्रसिध्हप्रसिद्ध ठुमरी गाते हुए अपनी रैयतरियासत से अलविदा कहा।
 
== एक नवाब के रूप में==