"श्रवणबेलगोला": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
Binodchattar (वार्ता | योगदान) छो जैन ग्रंथों के अनुसार अपने जीवन के अंतिम समय में चंद्रगुप्त मौर्य ने जैन परंपरा के अनुसार श्रवणबेलगोला में अपने शरीर का त्याग कर दिया। |
Binodchattar (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
पंक्ति 33:
File:Jain Inscription.jpg|अंतिम श्रुतकेवाली [[भद्रबाहु]] स्वामी और सम्राट चंद्रगुप्त का आगमन दर्शाता शिलालेख (श्रवणबेलगोला)
</gallery> चंद्रगुप्त के विस्तृत राज्य की जानकारी तो हमे तमिल ग्रंथ अहनानूर तथा मुरनानूर से भी प्राप्त होती है।
जैन ग्रंथों के अनुसार अपने जीवन के अंतिम समय में चंद्रगुप्त मौर्य ने जैन परंपरा के अनुसार श्रवणबेलगोला में अपने शरीर का त्याग कर दिया।
== सन्दर्भ ==
{{reflist}}
|