"तीन मूर्ति भवन": अवतरणों में अंतर
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'''तीन मूर्ति भवन''' में [[भारत]] के [[भारत के प्रधान मंत्री|प्रथम प्रधानमंत्री]] पं.[[जवाहर लाल नेहरू]] का आवास था। उनके बाद में उनकी स्मृति में इसे संग्रहालय के रूप में बदल दिया गया है। उनके जीवन की झलक आज भी यहाँ उनके छाया-चित्रों में देखी जा सकती है। सीढ़ीनुमा गुलाब उद्यान एवं एक दूरबीन यहां के प्रमुख आकर्षण हैं। इसी गुलाब उद्यान से नेहरु जी अपनी शेरवानी का गुलाब चुना करते थे।<ref name="इंडिया"/>
भवन एक चौराहे से लगा हुआ बना है, जहां तीन मूर्ति मार्ग, साउथ एवेन्यु मार्ग एवं मदर टेरेसा क्रीज़ेन्ट मार्ग मिलते हैं। इस चौराहे के मध्य में गोल चक्कर के बीचों बीच एक स्तंभ के किनारे तीन दिशाओं में मुंह किये हुए तीन सैनिकों की मूर्तियां लगी हुई हैं। ये [[द्वितीय विश्व युद्ध]] में काम आये सैनिकों का स्मारक है। इस स्मारक के ऊपर ही भवन का नाम तीन मूर्ति भवन पड़ गया है। पहले ये मूल भवन भारत में ब्रिटिश सेना के कमांडर-इन-चीफ़ का आवास हुआ करता था, जिसे फ़्लैग-स्टाफ़ हाउस कहते थे। यह ऑस्ट्योर क्लासिक शैली में निर्मित है। इस शैली का दूसरा भवन दिल्ली स्थित हैदराबाद हाउस है।<ref name="इंडिया">[http://www.indiasite.com/delhi/places/teenmurtibhavan.html नेहरु मेमोरियल म्यूज़ियम] इंडिया साइट, अभिगमन तिथि [[८ अगस्त]], [[२००९]]</ref> भवन परिसर में ही पश्चिमी ओर [[फ़ीरोज़ शाह तुगलक]] निर्मित कुशक महल संरक्षित स्मारक है। पंडित जी की मृत्यु उपरांत [[१९६४]] में इसे उनका स्मारक बना दिया गया है।
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