"राजस्थान लोक सेवा आयोग": अवतरणों में अंतर

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राजस्थान लोक सेवा आयोग एक [[राजस्थान सरकार]] का आयोग है। जो विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओँ का आयोजन करती है। इसके माध्यम से [[राजस्थान प्रशासनिक सेवा]] (आर.ए.एस), [[राजस्थान पुलिस सेवा]] (आर.पी.एस) तथा राजस्थान तहसीलदार सेवा (आर.टी.एस) में उत्तीर्ण अभ्यर्थियोँ का चयन किया जाता है। इसका मुख्यालय [[अजमेर]] में स्थित है।
 
==सन्दर्भ=
==सन्दर्भ=''संविधान के 14वें भाग में अनु. 315 से 323 में राज्य लोक सेवा आयोग की स्वतंत्रता व शक्तियों के अतिरिक्त इसके गठन तथा सदस्यों को नियुक्ति व पदमुक्ति इत्यादि का प्रावधान किया
गया है।'
 
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लोक सेवा आयोग के आधे सदस्य ऐसे व्यक्ति होंगे जो अपनी नियुक्ति से पूर्व भारत सरकार या राज्य सरकार के अधीन कम से कम 10 वर्ष तक सरकारी सेवा में रहा हो।
 
* 'कार्यकाल'-राज्य लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष व सदस्य अपने पद ग्रहण की तारीख से छह वर्ष की अवधि तक या 62 वर्ष की आयु प्राप्त कर लेने तक अपना पद धारण करेगा।
अपने पद ग्रहण की तारीख से छह वर्ष की अवधि तक या 62
वर्ष की आयु प्राप्त कर लेने तक अपना पद धारण करेगा।
 
** राजस्थान में योग्य लोकसेवकों की भर्ती के लिए सलाह देने हेतु संविधान के अनुच्छेद 315 के तहत राजस्थान लोक सेवा आयोग की स्थापना 20 अगस्त 1949 को जयपुर में की गई। इसका प्रथम अध्यक्ष तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश [[सर एस.के. घोष]] को बनाया गया। राज्य पुनर्गठन के बाद [[सत्यनारायण राव समिति]] की सिफारिश पर लोक सेवा आयोग अजमेर स्थानांतरित कर दिया गया आयोग में एक अध्यक्ष व अन्य सदस्य होते हैं,
जिनकी नियुक्ति राज्य के राज्यपाल द्वारा की जाती है। इसके अध्यक्ष व सदस्यों का कार्यकाल 6 वर्ष या 62 वर्ष की आयु तक होती हैं।
राजस्थान लोक सेवा आयोग में अध्यक्ष व 7 सदस्यों सहित 8 सदस्य होते हैं। राजस्थान लोक सेवा आयोग की कार्य प्रणाली राजस्थान लोक सेवा आयोग नियम एवं शर्तें 1963 एवं राजस्थान लोक सेवा आयोग, शर्तें, प्रक्रिया, अध्यादेश, 1975 एवं नियम 1976 द्वारा तय की जाती हैं।