"वेटिंग फ़ॉर गोडोट": अवतरणों में अंतर

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दूसरे भाग का आरंभ व्लादिमीर के द्वारा गीत गुनगुनाने से होता है जो कि एक [[श्वान|कुत्ते]] से संबंधित है और जिससे नाटक के उद्देश्य का व्यापक ज्ञान होता है। इस गीत से यह भी पता चलता है कि नाटक में परंपरागत संगीत, मनोरंजन व उत्सव का वातावरण है। इस नाटक में कुककुर जाति से संबंधित संदर्भों एवं उदाहरणों में से केवल एक है। इससे यह भी मालूम हो जाता है कि व्लादिमीर को इस आशय का आभास है कि जिस दुनिया में वह उलझा है, वह उत्सवमय है (या उसमें उत्सवों का आभास है). वह यह समझाने लगता है कि यद्यपि उसकी दुनिया में निश्चित समरूप विकास के कुछ प्रमाण हैं तथापि वह मूलतः निजी जीवन के दिवसों को तथावत दोहरा रहा है। व्लादिमीर के गीत के विषय में यूजीन वेब ने लिखा है:<ref> केलुसियस देखें, सी., 'बैड हेबिट्स व्हाइल वेटिंग फॉर गोडोट ' बुर्कमन में, के.एच., (एड.) ''मिथएंड रिटूअल इन प्लेज ऑफ सैमुएल बेकेट'' (लंदन और टोरंटो: फैर्लेइघ डिक्लिंसन यूनिवर्सिटी प्रेस, 1987), पी 139</ref> "गीत का काल समरूप से गतिशील तो नहीं है, परन्तु वह उस अंतहीन स्थिति के प्रति सांकेतिक है जिसका एकमात्र शाश्वत अंत हैं: मृत्यु".<ref> वेब, ई., ''[http://www.drama21c.net/newadds/webb01.htm दी प्लेज ऑफ सैमुएल बेकेट]'' (सिएटल: यूनिवर्सिटी ऑफ वाशिंगटन प्रेस, 1974)</ref>
 
एक बार पुनः एस्ट्रागन कहता है कि उसने रात एक खाई में बिताई और "10 लोगों ने"<ref> बेकेट, एस., ''वेटिंग फॉर गोडोट'', (लंदन: फैबर एंड फैबर, [1956] 1988), पी 59</ref> पीटा - ऊपर से हालांकि उसे कोई चोट का निशान नहीं है। व्लादिमीर उसको वृक्ष में हो रहे मौसमी बदलावों के बारे में बताता है और पिछले दिन की गतिविधियों के विषय में भी, परन्तु एस्ट्रागन को कुछ अधिक याद नहीं आता. व्लादिमीर पोजो और लकी का नाम लेता है परन्तु एस्ट्रागन को केवल हड्डियां और [https://www.jointspainhealers.com/takhano-ke-dard-se-chutakara-pane-ke-lie-karane-honge-ye-upchar/ '''टखने का दर्द'''] ही याद आता है। व्लादिमीर को ध्यान आता हैं कि यदि एस्ट्रागन अपनी टांग दिखाए तो उसे याद आ सकता है। बड़ी मुश्किल से एस्ट्रागन टांग दिखाता है जिस पर घाव अब गहरा हो चला है। व्लादिमीर को अहसास होता है कि एस्ट्रागन ने कोई जूते नहीं पहने हुए हैं।
 
गाजर तो समाप्त हो चली है सो व्लादिमीर एस्ट्रागन को [[शलजम]] तथा मूली का चुनाव करने को कहता है। एस्ट्रागन मूली चुनता है परन्तु काला होने की वजह से लौटा देता है। फिर एस्ट्रागन सोने का प्रयास करता है ठीक पिछले दिन वाली भ्रूण के समकक्ष अवस्था में. व्लादिमीर उसे [[लोरी]] सुनाता है।