"आज्ञा चक्र": अवतरणों में अंतर

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छो आज्ञा चक्र का विस्तृत अर्थ दिया गया।
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हिन्दू परम्परा के अनुसार '''आज्ञा चक्र''' छठा मूल चक्र है। ध्यान करने से आज्ञा चक्र होने का अभास होता है
आग्या का अर्थ है आदेशआदेश।
 
आज्ञाचक्र भौंहों के बीच माथे के केंद्र में स्थित होता है।<ref>{{Cite web|url=https://hi.m.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%86%E0%A4%9C%E0%A5%8D%E0%A4%9E%E0%A4%BE_%E0%A4%9A%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B0|title=आज्ञा चक्र - विकिपीडिया|website=hi.m.wikipedia.org|access-date=2020-01-09}}</ref> यह भौतिक शरीर का हिस्सा नहीं है लेकिन इसे प्राणिक प्रणाली का हिस्सा माना जाता है। स्थान इसे एक पवित्र स्थान बनाता है जहां हिंदू इसके लिए श्रद्धा दिखाने के लिए सिंदूर लगाते हैं । अजना चक्र पीनियल ग्रंथि के अनुरूप है।
 
 
मूलाधार , स्वाधिष्ठान , मणिपूरक , अनाहत और विशुद्ध - इन पंच चक्रों से ऊपर होने के कारण आज्ञाचक्र छठा चक्र भी कहलाता है ।<ref>{{Cite web|url=https://satsangdhyansantvani.blogspot.com/2020/01/p75-where-is-voice-of-god.html|title=P75, Where is the voice of god? "जहां सूक्ष्म नाद ध्वनि आज्ञा।..." महर्षि मेंहीं पदावली अर्थ सहित। ( इसकी टिप्पणी पढ़ें।)|last=|first=|date=|website=संतवाणी अर्थ सहित|archive-url=|archive-date=|dead-url=|access-date=2020-01-09}}</ref> [[उपनिषद्]] आज्ञाचक्रकेन्द्रविन्दु को दोनों भौंहों के बीच अन्दर में निर्दिष्ट करती है और [https://satsangdhyansantvani.blogspot.com संतवाणी] दोनों आँखों के मध्य तथा नाक के आगे बारह अंगुल की दूरी पर अन्दर में ही । आज्ञाचक्रकेन्द्रविन्दु में सिमटकर अवस्थित होने पर अन्तर्योति दिखाई पड़ने के साथ - साथ अन्तर्ध्वनि भी सुनाई पड़ने लग जाती है । वह अन्तर्ध्वनि मानो साधक के लिए ब्रह्मांड में आ जाने की प्रभु - आज्ञा का शब्द हो ; क्योंकि अन्तर्योति - सह अन्तर्ध्वनि प्रत्यक्ष हो जाने पर साधक को ब्रह्मांड में प्रवेश करने की योग्यता हासिल हो जाती है । छठे चक्र को हठयोगियों - द्वारा ' आज्ञाचक्र ' कहने का यही कारण है ।
 
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==बाहरी कड़ियाँ==
*[http://literature.awgp.org/akhandjyoti/edition/1999/Jan/20 चरम विकास का द्वार है आज्ञाचक्र] (अखण्ड ज्योति)
*[http://livehindustan.com/news/editorial/guestcolumn/article1-story-57-62-59824.html आज्ञा चक्र] (लाइव हिन्दुस्तान)
*[https://satsangdhyansantvani.blogspot.com/2020/01/p75-where-is-voice-of-god.html सद्गुरु महर्षि मेंहीं की वाणी में आज्ञाचक्र]
 
[[श्रेणी:साधना]]