"गुर्जर-प्रतिहार राजवंश": अवतरणों में अंतर

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{{Infobox former country
राजपूत सम्राट{{गुर्जर प्रतिहार राजवंश}}
|conventional_long_name = प्रतिहार वंश
''राजपूत प्रतिहार सम्राट मिहिर भोज प्रतिमा, अक्षरधाम मंदिर, दिल्ली में लगी हुई है'''
गुर्जर राजवंश
प्रतिहार वंश की स्थापना नागभट्ट ने 725 ई. में की थी। उसने राम के भाई लक्ष्मण को अपना पूर्वज बताते हुए अपने वंश को सूर्यवंश की शाखा सिद्ध किया। राजपूत प्रतिहार सूर्यवंश" का होना सिद्द करते है तथा प्रतिहारो के शिलालेखो पर अंकित सूर्यदेव की कलाकृर्तिया भी इनके सूर्यवंशी होने की पुष्टि करती है।(1) इतिहासकार बताते है कि मुग़ल काल से पहले तक राजस्थान तथा गुजरात, गुर्जरत्रा या गुर्जर-भूमि के नाम से जाना जाता था। इसीलिए को राजवंश को राजपूत प्रतिहार भी कहा जाता है, अरब लेखकों के अनुसार प्रतिहार उनके सबसे भयंकर शत्रु थे तथा उन्होंने ये भी कहा है कि अगर प्रतिहार नहीं होते तो वो भारत पर 12वीं सदी से पहले ही अधिकार कर लेते, [[File:Indian Kanauj triangle map.svg|thumb| प्रतिहार साम्राज्य की सीमा दर्शाता हुआ नक्शा]]
|common_name = गुर्जर प्रतिहार
|continent = एशिआ
|region = दक्षिण एशिया
|country = भारत
|era = [[मध्यकालीन भारत]]
|religion = [[हिंदुत्व]]
|status = साम्राज्य
|government_type = [[राजतंत्र]]
|year_start = 6ठीं शताब्दी
|year_end = 1036 ई०
|event2 = [[महमूद ग़ज़नवी#सामरिक विवरण|महमूद ग़ज़नवी का कन्नौज पर कब्जा]]
|date_event2 = 1008 ई०
|p1 = हर्षवर्धन|हर्ष साम्राज्य
|s1 = चन्देल
|s2 = परमार राजवंश
|s3 = कलचुरि राजवंश
|s4 = ग़ज़नवी साम्राज्य
|s5 = चावडा राजवंश
|s6 = चौहान वंश
|image_map =Indian Kanauj triangle map.svg
|image_map_alt =
|image_map_caption = प्रतिहार साम्राज्य अपने स्वर्णकाल में।
|capital = [[कन्नौज]]
|common_languages = [[संस्कृत]], प्राक्रित
|today = {{IND}}
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राजपूत सम्राट{{गुर्जर प्रतिहार राजवंश}}
''राजपूतगुरजर प्रतिहार सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा, अक्षरधाम मंदिर, दिल्ली में लगी हुई है'''
प्रतिहार वंश की स्थापना नागभट्ट ने 725 ई. में की थी। उसने राम के भाई लक्ष्मण को अपना पूर्वज बताते हुए अपने वंश को सूर्यवंश की शाखा सिद्ध किया। राजपूत"गुर्जर प्रतिहार सूर्यवंश" का होना सिद्द करते है तथा प्रतिहारो के शिलालेखो पर अंकित सूर्यदेव की कलाकृर्तिया भी इनके सूर्यवंशी होने की पुष्टि करती है।(1) इतिहासकार बताते है कि मुग़ल काल से पहले तक राजस्थान तथा गुजरात, गुर्जरत्रा या गुर्जर-भूमि के नाम से जाना जाता था। इसीलिए को राजवंश को राजपूतगुर्जर प्रतिहार भी कहा जाता है, अरब लेखकों के अनुसार प्रतिहार उनके सबसे भयंकर शत्रु थे तथा उन्होंने ये भी कहा है कि अगर प्रतिहार नहीं होते तो वो भारत पर 12वीं सदी से पहले ही अधिकार कर लेते, [[File:Indian Kanauj triangle map.svg|thumb| प्रतिहार साम्राज्य की सीमा दर्शाता हुआ नक्शा]]
 
==इतिहास==