"अर्जुन": अवतरणों में अंतर

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महाराज पाण्डु की दो पत्नियाँ थी [[कुन्ती]] तथा [[माद्री]]।मुनि दुर्वासा के वरदान द्वारा [[धर्मराज]], [[वायुदेव]] तथा [[इंद्र]] का आवाहन कर तीन पुत्र माँगे। इंद्र द्वारा अर्जुन का जन्म हुआ।<ref>[http://hi.brajdiscovery.org/index.php?title=%E0%A4%85%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%9C%E0%A5%81%E0%A4%A8 अर्जुन]</ref>
 
[[द्रोणाचार्य]] को एेसेऐसे योद्धाओं की आवश्यकता थी जो राजा [[द्रुपद]] से प्रतिशोध ले सके। इसी कारण वे [[हस्तिनापुर]] के 105 राजकुमारों को शिक्षा देने लगे जिसमें से एक अर्जुन भी था। <ref>[http://hindi.webdunia.com/%E0%A4%AE%E0%A4%B9%E0%A4%BE%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%A4-%E0%A4%97%E0%A5%81%E0%A4%B0%E0%A5%81-%E0%A4%97%E0%A5%81%E0%A4%B0%E0%A5%81/%E0%A4%AE%E0%A4%B9%E0%A4%BE%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%A4-%E0%A4%95%E0%A5%87-%E0%A4%B5%E0%A4%B9-%E0%A4%97%E0%A5%81%E0%A4%B0%E0%A5%81-%E0%A4%9C%E0%A5%8B-%E0%A4%97%E0%A5%81%E0%A4%B0%E0%A5%81-%E0%A4%A8%E0%A4%B9%E0%A5%80%E0%A4%82-%E0%A4%A5%E0%A5%87-1100903063_1.htm गुरु]</ref>
 
== विवाह ==