"मासिक धर्म": अवतरणों में अंतर

No edit summary
टैग: यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
छो Rajprakash100 (Talk) के संपादनों को हटाकर 182.77.78.26 के आखिरी अवतरण को पूर्ववत किया
टैग: वापस लिया
पंक्ति 1:
[[चित्र:MenstrualCycle en.svg|thumb|300px|right|माहवारी (पीरियड्स) का चक्र]]
10 से 15 साल की आयु की [[लड़की]] के [[डिम्बग्रंथि|अण्डाशय]] हर महीने एक विकसित डिम्ब (अण्डा) उत्पन्न करना शुरू कर देते हैं। वह अण्डा अण्डवाहिका नली (फैलोपियन ट्यूव) के द्वारा नीचे जाता है जो कि [[अंडाशय]] को [[गर्भाशय]] से जोड़ती है। जब अण्डा गर्भाशय में पहुंचता है, उसका अस्तर रक्त और तरल पदार्थ से गाढ़ा हो जाता है। ऐसा इसलिए होता है कि यदि अण्डा उर्वरित हो जाए, तो वह बढ़ सके और शिशु के जन्म के लिए उसके स्तर में विकसित हो सके। यदि उस डिम्ब का पुरूष के [[शुक्राणु]] से सम्मिलन न हो तो वह स्राव बन जाता है जो कि [[योनि]] से निष्कासित हो जाता है।<ref>{{cite web|url=http://www.bbc.com/hindi/india-42063494|title=पीरियड्स में क्या करती हैं बेघर औरतें?}}</ref> इसी स्राव को [https://www.health360hindi.com/2019/07/menstrual-cycle/ '''मासिक धर्म''', '''पीरियड्स'''] या रजोधर्म या माहवारी (Menstural Cycle or MC) कहते हैं।
 
== माहवारी चक्र की सामान्य अवधि ==
पंक्ति 8:
== समस्याएं ==
 
ज्यादातर महिलाएं [https://www.health360hindi.com/2019/08/menstrual-disorders/ माहवारी (पीरियड्स) की समस्याओं] से परेशान रहती है लेकिन अज्ञानतावश या फिर शर्म या झिझक के कारण लगातार इस समस्या से जूझती रहती है।<ref>{{cite web|url=http://www.bbc.com/hindi/science-41556685|title=पीरियड्स के बारे में लड़के-लड़कियों को साथ में पढ़ाएं}}</ref> दरअसल दस से पन्द्रह साल की लड़की के अण्डाशय हर महीने एक परिपक्व अण्डा या अण्डाणु पैदा करने लगता है। वह अण्डा डिम्बवाही थैली (फेलोपियन ट्यूब) में संचरण करता है जो कि अण्डाशय को गर्भाशय से जोड़ती है। जब अण्डा गर्भाशय में पहुंचता है तो रक्त एवं तरल पदाथॅ से मिलकर उसका अस्तर गाढ़ा होने लगता है। यह तभी होता है जब कि अण्डा उपजाऊ हो, वह बढ़ता है, अस्तर के अन्दर विकसित होकर बच्चा बन जाता है। गाढ़ा अस्तर उतर जाता है और वह माहवारी का रूधिर स्राव बन जाता है, जो कि योनि द्वारा शरीर से बाहर निकल जाता है। जिस दौरान रूधिर स्राव होता रहता है उसे माहवारी अवधि/पीरियड कहते हैं। औरत के प्रजनन अंगों में होने वाले बदलावों के आवर्तन चक्र को माहवारी चक्र कहते हैं। यह हॉरमोन तन्त्र के नियन्त्रण में रहता है एवं प्रजनन के लिए जरूरी है। माहवारी चक्र की गिनती रूधिर स्राव के पहले दिन से की जाती है क्योंकि रजोधर्म प्रारम्भ का हॉरमोन चक्र से घनिष्ट तालमेल रहता है। माहवारी का रूधिर स्राव हर महीने में एक बार 28 से 32 दिनों के अन्तराल पर होता है। परन्तु महिलाओं को यह याद करना चाहिए कि माहवारी चक्र के किसी भी समय गर्भ होने की सम्भावना है।
 
; पीड़ा दायक पीरियड्स क्या होती है?