"मकर संक्रान्ति": अवतरणों में अंतर

Rakesh gurjar
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'''[[राजस्थान]] में''' इस पर्व पर सुहागन महिलाएँ अपनी सास को वायना देकर आशीर्वाद प्राप्त करती हैं। साथ ही महिलाएँ किसी भी सौभाग्यसूचक वस्तु का चौदह की संख्या में पूजन एवं संकल्प कर चौदह ब्राह्मणों को दान देती हैं। इस प्रकार मकर संक्रान्ति के माध्यम से भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति की झलक विविध रूपों में दिखती है।
 
== मकर संक्रांति कब और क्यों ==
 
हर बार की तरह इस बार भी मकर संक्रांति की सही तारीख को लेकर उलझन की स्थिति बनी हुई है कि मकर संक्रांति का त्योहार इस बार 14 जनवरी को मनाया जाएगा या 15 जनवरी को। ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार इस वर्ष 15 जनवरी को मकर संक्रांति का त्योहार मनाना चाहिए।
मकर संक्रांति के दिन सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है। हिन्दू पंचांग और धर्म शास्त्रों के अनुसार सूर्य का मकर राशी में प्रवेश 14 की शाम को हो रहा हैं। शास्त्रों के अनुसार रात में संक्रांति नहीं मनाते तो अगले दिन सूर्योदय के बाद ही उत्सव मनाया जाना चाहिए। इसलिए मकर संक्रांति 14 की जगह 15 जनवरी को मनाई जानेमनाईजाने लगी है। अधिकतर 14 जनवरी14जनवरी को मनाया जाने वाला मकर संक्रांति का त्यौहार इस वर्ष भी 15 जनवरी को मनाया जाएगा।<ref>{{समाचार सन्दर्भ|title= मकर संक्रांति कब |url= https://www.dekhoyaar.com/makar-sankranti-festival/}}</ref>
 
मकर संक्रांति के दिन सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है। हिन्दू पंचांग और धर्म शास्त्रों के अनुसार सूर्य का मकर राशी में प्रवेश 14 की शाम को हो रहा हैं। शास्त्रों के अनुसार रात में संक्रांति नहीं मनाते तो अगले दिन सूर्योदय के बाद ही उत्सव मनाया जाना चाहिए। इसलिए मकर संक्रांति 14 की जगह 15 जनवरी को मनाई जाने लगी है। अधिकतर 14 जनवरी को मनाया जाने वाला मकर संक्रांति का त्यौहार इस वर्ष भी 15 जनवरी को मनाया जाएगा।<ref>{{समाचार सन्दर्भ|title= मकर संक्रांति कब |url= https://www.dekhoyaar.com/makar-sankranti-festival/}}</ref>
 
== मकर संक्रान्ति का महत्व ==