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'''संत ज्ञानेश्वर''' [[महाराष्ट्र]] तेरहवीं सदी के एक महान [[सन्त]] थे| जिन्होंनेइन्होंने [[ज्ञानेश्वरी]] की रचना की। संत ज्ञानेश्वर की गणना भारत के महान संतों एवं [[मराठी]] कवियों में होती है। ये संत [[नामदेव]] के समकालीन थे और उनके साथ इन्होंने पूरे [[महाराष्ट्र]] का भ्रमण कर लोगों को ज्ञान-भक्ति से परिचित कराया और समता, समभाव का उपदेश दिया। वे महाराष्ट्र-संस्कृति के 'आद्य-प्रवर्तकों' में भी माने जाते हैं।
 
== जीवनी ==