"नर्मदा नदी": अवतरणों में अंतर

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[[रामायण]] तथा [[महाभारत]] और परवर्ती ग्रंथों में इस नदी के विषय में अनेक उल्लेख हैं। पौराणिक अनुश्रुति के अनुसार नर्मदा की एक नहर किसी सोमवंशी राजा ने निकाली थी जिससे उसका नाम सोमोद्भवा भी पड़ गया था। गुप्तकालीन [[अमरकोश]]में भी नर्मदा को 'सोमोद्भवा' कहा है। [[कालिदास]] ने भी नर्मदा को सोमप्रभवा कहा है। [[रघुवंश]] में नर्मदा का उल्लेख है। [[मेघदूत]] में रेवा या नर्मदा का सुन्दर वर्णन है। विश्व में नर्मदा ही एक ऐसी नदी है जिसकी परिक्रमा की जाती है और पुराणों के अनुसार जहाँ गंगा में स्नान से जो फल मिलता है नर्मदा के दर्शन मात्र से ही उस फल की प्राप्ति होती है। नर्मदा नदी पुरे भारत की प्रमुख नदियों में से एक ही है जो पूर्व से पश्चिम की ओर बहती है।
 
नर्मदेश्वर शिवलिग का निर्माण विश्व मे मात्र एक ही स्थान है बकावां म.प्र. जहा पर शिवलीग का निर्माण किया जाता है यहां के शिवलिंग की प्राणप्रतिष्ठा नही होती है मान्यता है कई सदियों से यहां शिवलिंग का निर्माण किया जाता है
==बाहरी कड़ियाँ==
Mo.9617582518 9111988855
{{भारत की नदियाँ}}
 
== सन्दर्भ ==