"अर्दबील प्रांत": अवतरणों में अंतर

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अर्दबील प्रान्त में ९ शहरिस्तान (यानि ज़िले) हैं - अर्दबील, बीलासवार, गेरमी, ख़लख़ल​, कौसर​, मेशगीनशहर​, नमीन​, नीर​ और पारसाबाद​। प्रान्त में सबलान पर्वत (<small>{{Nastaliq|ur|سبلان}}</small>) विस्तृत हैं जिनसे यहाँ काफ़ी सर्दी रहती है। बहुत से सैलानी यहाँ गर्मियों में ठन्डे मौसम का आनंद लेने आते हैं, जबकि सर्दियों में यह इलाक़ा बर्फ़ग्रस्त होता है और यहाँ कुछ ढलानों पर [[स्की]] का बंदोबस्त भी है। बहुत से लोग इसे ईरान का सबसे सर्द प्रांत मानते हैं और सर्दियों में यहाँ तापमान -२५° सेंटीग्रेड तक गिर जाता है। यहाँ बहुत सी झीलें, नदी-झरने और गर्म [[पानी का चश्मा|चश्में]] बिखरे हुए हैं। अर्दबील प्रान्त की अधिकतर आबादी अज़ेरी, तालिश और तात समुदाय की है।
 
कहा जाता है कि [[पारसी धर्म]] के संस्थापक [[ज़रथुष्ट्र]] अरस नदी के किनारे पैदा हुए थे और उन्होंने अपने ग्रन्थ की रचना सबलान पहाड़ों में ही की। जब ईरान पर मुस्लिम क़ब्ज़ा हुआ तब अर्दबील अज़रबेजान क्षेत्र का सबसे बड़ा शहर था और उसका यह स्थान [[मंगोल]] आक्रमणों तक बना रहा। प्रसिद्ध [[सूफ़ी]] संत शेख़ सफ़ीउद्दीन का मक़बरा भी अर्दबील प्रान्त में स्थित है।भारत के प्रांत उ.प्र.के आज़मगढ़ के भैरोपुर दरगाह में सूफी संत शाह नजीबुद्दीन की दरगाह है। शाह नजीबुद्दीन अर्दली से आये थे।
 
== प्रांत के कुछ नज़ारे ==