"हिण्डौन": अवतरणों में अंतर

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हिण्डौन का नाम प्रहलाद के पिता प्राचीन हिंदू राजा हिरण्यकश्यपु के नाम पर रखा गया है। हिरण्यकश्यप को मारने वाले हिंदू भगवान विष्णु के अवतार नारसिंह के लिए मंदिर, हिरण्यकश्यपु और प्रहलाद के आसपास के पौराणिक कथाओं के साथ शहर के संबंध को दर्शाता है।हिरणकश्यप के वंशज हिंडोल(हिंडौन) जाट कहलाते हैं।महाराजा सूरजमल ने हिंडोल(हिण्डौन)जाट
वहानसिंह को साथिनी(इगलास के समीप) जागीरी प्रदान की थी।वहाण सिंह के चार बेटे थे उनके चार बेटों के नाम मानसिंह, विजयराम, जीवर राम, चुरामन था । मानसिंह ने मान गाँव, चुरामन ने चुहरा गाँव , विजयराम ने पिठैर गाँव व जीवरराम ने दिसवार गाँव की जागीरी थी।मुगल कालीन जयपुर करौली के मध्य हुए पत्र व्यवहार से इस बात का पता चलता है कि हिण्डौन में बाबूराम जाट(बालूसिंह)शक्तिशाली व्यक्ति था। और हिंडौन बालूसिंह के अधीन था।<ref>भारत के 1235 वर्षीय स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास - भाग 4 अध्याय 19</ref>हिण्डौन में 16 खम्भो की बारादरी का निर्माण भी बालूसिंह ने करवाया था।
 
=== हिण्डौन और महाभारत ===