"नाटक": अवतरणों में अंतर

हिंदी नाटक
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छो नाटक के रूप
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नाटक ''', [[काव्य]] और गध्य का एक रूप है। जो रचना श्रवण द्वारा ही नहीं अपितु दृष्टि द्वारा भी दर्शकों के हृदय में रसानुभूति कराती है उसे''' नाटक '''या दृश्य-काव्य कहते हैं। नाटक में श्रव्य काव्य से अधिक रमणीयता होती है। श्रव्य काव्य होने के कारण यह लोक चेतना से अपेक्षाकृत अधिक घनिष्ठ रूप से संबद्ध है। [[नाट्यशास्त्र]] में लोक चेतना को नाटक के लेखन और मंचन की मूल प्रेरणा माना गया है।'''
 
== परिचय ==
"https://hi.wikipedia.org/wiki/नाटक" से प्राप्त