"चनाब नदी": अवतरणों में अंतर

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'''चिनाब नदी''' या '''चंद्रभागा नदी''' [[भारत]] के [[हिमाचल प्रदेश]] के [[लाहौल एवं स्पीति जिला]] में दो नदियों [[चंद्र नदी]] एवं [[भागा नदी]] के संगम से बनी है। यह आगे [[जम्मू व कश्मीर]] से होते हुए [[पाकिस्तान]] में [[सिंधु नदी]] से जाकर मिलती है।
 
चिनाब नदी का उद्गम हिमाचल प्रदेश k12 लारा दर्रे से होता है जिसकी ऊंचाई सागर स्तर से 4843 मीटर है हिमाचल प्रदेश में इसकी दो भुजाएं हैं जिनको चंद्रा भाग के नाम से जाना जाता है भारत में इसकी लंबाई लगभग 1180 किलोमीटर है जो 267 55 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल का अफवाह करती है चंद्रा नदी का उद्गम एक हिमनद से होता है जबकि भागा नदी एक बड़े ढलान के चश्मे से निकलती हैं यह दोनों नदियां चंद्रभागा टांडी स्थान पर संगम बनाती है संगम बनाने के पश्चात चिनाब नदी पीर पंजाल लघु हिमालय तथा दीर्घ हिमालय के बीच बढ़ती हुई किश्तवार टाउन के पास एक तीव्र मोड़ बनाती हुई रियासी नगर में भर्ती हुई पाकिस्तान में प्रवेश करती हैं पन बिजली उत्पन्न करने वाली सलाल दुलहस्ती और बबली यार जैसी महत्वपूर्ण परियोजना चिनाब नदी पर बनाई गई है बल्कि पार परियोजना जम्मू डिवीजन के डोडा जिले में स्थित है जिसके बांध की ऊंचाई 114 दशमलव 5 मीटर यह परियोजना 450 मेगावाट बिजली उत्पादन की क्षमता रखती है इस परियोजना से जम्मू कश्मीर के विभिन्न भागों भागों में बिजली सप्लाई की जाती है
 
हिमाचल प्रदेश में स्थित रोहतांग दर्रा कागडा से निकल कर 725 किमी चिनाब में मिल जाती है