"महाबलेश्वर": अवतरणों में अंतर
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ऊँची चोटियाँ, भय पैदा करने वाले घाटियाँ, चटक हरियाली, ठण्डी पर्वतीय हवा, महाबलेश्वर की विशेषता है। यह महाराष्ट्र का सर्वाधिक लोकप्रिय पर्वतीय स्थान है और एक समय ब्रिटिश राज के दौरान यह बॉम्बे प्रेसीडेंसी की ग्रीष्मकालीन राजधानी हुआ करता था। महाबलेश्वर में अनेक दर्शनीय स्थल हैं और प्रत्येक स्थल की एक अनोखी विशेषता है। बेबिंगटन पॉइंट की ओर जाते हुए धूम नामक बांध जो रूकने के लिए एक अच्छा स्थान है। अथवा आप पुराने महाबलेश्वर और प्रसिद्ध पंच गंगा मंदिर जा सकते हैं, जहाँ पांच नदियों का झरना है: कोयना, वैना, सावित्री, गायित्री और पवित्र कृष्णा नदी। यहाँ महाबलेश्वर का प्रसिद्ध मंदिर भी है, जहाँ स्वयं भू लिंग स्थापित है।
पंचगंगा मंदिर
कृष्णा, कोयना, गायत्री, सावित्री, वेण्णा, सरस्वती, और भागीरथी इन ७ नदियों का
कृष्णाबाई मंदिर
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इतिहास
महाबळेश्वर के
१७ वे शतक में शिवाजी महाराज ने जावली और महाबळेश्वर अपने नियंत्रण में लिए और १६५६ में प्रतापगड किले का निर्माण किया।
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यातायात
बसमार्ग
सातारा जिले के वाई इस तहसील के गाँव से महाबळेश्वर ३२ की.मी. अंतर पर है। सातारा शहर ४५ की.मी. अंतर पर है। महाबळेश्वर राष्ट्रीय महामार्ग ४ को जोडा हुआ है। पुणे, मुंबई, सांगली, सातारा, कोल्हापूर यहाँ
रेल्वे मार्ग
पास ही रेल्वे स्टेशन मतलब यहाँ से सातारा ६० कि.मी.अंतर पर है। पुणे १२० कि.मी., मुंबई २७० कि.मी इसके अलावा कोकण रेल्वे का खेड स्टेशन यह 60 कि.मी. अंतर पर है।
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