"महाबलेश्वर": अवतरणों में अंतर

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ऊँची चोटियाँ, भय पैदा करने वाले घाटियाँ, चटक हरियाली, ठण्‍डी पर्वतीय हवा, महाबलेश्‍वर की विशेषता है। यह महाराष्‍ट्र का सर्वाधिक लोकप्रिय पर्वतीय स्‍थान है और एक समय ब्रिटिश राज के दौरान यह बॉम्‍बे प्रेसीडेंसी की ग्रीष्‍मकालीन राजधानी हुआ करता था। महाबलेश्‍वर में अनेक दर्शनीय स्‍थल हैं और प्रत्‍येक स्‍थल की एक अनोखी विशेषता है। बे‍बिंगटन पॉइंट की ओर जाते हुए धूम नामक बांध जो रूकने के लिए एक अच्‍छा स्‍थान है। अथवा आप पुराने महाबलेश्‍वर और प्रसिद्ध पंच गंगा मंदिर जा सकते हैं, जहाँ पांच नदियों का झरना है: कोयना, वैना, सावित्री, गायित्री और पवित्र कृष्‍णा नदी। यहाँ महाबलेश्‍वर का प्रसिद्ध मंदिर भी है, जहाँ स्‍वयं भू लिंग स्‍थापित है।
पंचगंगा मंदिर
कृष्णा, कोयना, गायत्री, सावित्री, वेण्णा, सरस्वती, और भागीरथी इन ७ नदियों का उगमस्थानउद्गमस्तथान है जो सबनेसपने देखने जैसा है। इनमें से सात में से पहली पांच नदियों का प्रवाह हमेशा बाराहीबारह महिनेमहीने बहता है। सरस्वती का प्रवाह इन सबमेसबमें एेसा है जो प्रत्येक ६० वर्षो में ही दर्शन देता है। अब वह २०३४ साल में दर्शन देगा।भागीरथी नदी का प्रवाह प्रत्येक १२ वर्षो में दर्शन देता है। यह अब सन २०१६ के मराठी सावन महिने में दर्शन देगा। यह मंदिर ४५०० वर्ष पूर्व का है। यहाँ से बाहर पडने पर कृष्णा नदी स्वतंत्र बहती है। यहाँ कृष्णाबाई यह स्वतंत्र मंदिर है।
 
कृष्णाबाई मंदिर
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इतिहास
महाबळेश्वर के पीछलेपिछले इतिहास को देखा जाए तो लगभग १२१५ में देवगिरी के राजे सिंघण इन्होंने पुराने महाबळेश्वर को भेट दि तब उन्होंने कृष्णा नदी के किनारे झरने के पास एक छोटे से मंदीर और एक जलाशय बनाया। १६ वे शतक में चंद्रराव मोरे इस मराठी कुटुंब ने पहले के राजकुल का पराजीत किया और जावली और महाबळेश्वर के राजा बने। उस काल में इस मंदिर की पुनर्बांधणी की गई।
 
१७ वे शतक में शिवाजी महाराज ने जावली और महाबळेश्वर अपने नियंत्रण में लिए और १६५६ में प्रतापगड किले का निर्माण किया।
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यातायात
बसमार्ग
सातारा जिले के वाई इस तहसील के गाँव से महाबळेश्वर ३२ की.मी. अंतर पर है। सातारा शहर ४५ की.मी. अंतर पर है। महाबळेश्वर राष्ट्रीय महामार्ग ४ को जोडा हुआ है। पुणे, मुंबई, सांगली, सातारा, कोल्हापूर यहाँ सेसेपलप महाबळेश्वर के लिए आने के लिए MSRTC की बस, प्रायव्हेट बस, प्रायव्हेट गाड़ियाँ निरंतर उपलब्ध होती रहती है।
रेल्वे मार्ग
पास ही रेल्वे स्टेशन मतलब यहाँ से सातारा ६० कि.मी.अंतर पर है। पुणे १२० कि.मी., मुंबई २७० कि.मी इसके अलावा कोकण रेल्वे का खेड स्टेशन यह 60 कि.मी. अंतर पर है।