"शंकराचार्य": अवतरणों में अंतर

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चार मठ निम्नलिखित हैं:
* उत्तरामण्यउत्तराम्नाय मठ या उत्तर मठ, [[ज्योतिर्मठ]] जो कि [[जोशीमठ]] में स्थित है।
* पूर्वामण्यपूर्वाम्नाय मठ या पूर्वी मठ, [[गोवर्धन मठ]] जो कि [[पुरी]] में स्थित है।
* दक्षिणामण्यदक्षिणाम्नाय मठ या दक्षिणी मठ, [[शृंगेरी शारदा पीठ]] जो कि [[शृंगेरी]] में स्थित है।
* पश्चिमामण्यपश्चिमाम्नाय मठ या पश्चिमी मठ, [[द्वारिका पीठ]] जो कि [[द्वारिका]] में स्थित है।
 
इन चार मठों के अतिरिक्त भी भारत में कई अन्य जगह शंकराचार्य पद लगाने वाले मठ मिलते हैं। यह इस प्रकार हुआ कि कुछ शंकराचार्यों के शिष्यों ने अपने मठ स्थापित कर लिये एवं अपने नाम के आगे भी शंकराचार्य उपाधि लगाने लगे। परन्तु असली शंकराचार्य उपरोक्त चारों मठों पर आसीन को ही माना जाता है।