"भारत के राष्ट्रपति": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
छो revert; vandalism टैग: वापस लिया |
अनुनाद सिंह (वार्ता | योगदान) |
||
पंक्ति 83:
==राष्ट्रपति की विवेकाधीन शक्तियाँ==
*1. अनु 74 के अनुसार
*2. अनु 78 के अनुसार प्रधान मंत्री राष्ट्रपति को समय समय पर मिल कर राज्य के मामलों तथा भावी विधेयकों के बारे में सूचना देगा, इस तरह अनु 78 के अनुसार राष्ट्रपति सूचना प्राप्ति का अधिकार रखता है यह अनु प्रधान मंत्री पर एक संवैधानिक उत्तरदायित्व रखता है यह अधिकार राष्ट्रपति कभी भी प्रयोग ला सकता है इसके माध्यम से वह मंत्री परिषद को विधेयकों निर्णयों के परिणामों की चेतावनी दे सकता है
3. जब कोई राजनैतिक दल लोकसभा में बहुमत नहीं पा सके तब वह अपने विवेकानुसार प्रधानमंत्री की नियुक्ति करेगा<br />▼
4. निलंबन वीटो/पॉकेट वीटो भी विवेकी शक्ति है<br /> ▼
▲*3. जब कोई राजनैतिक दल लोकसभा में बहुमत नहीं पा सके तब वह अपने विवेकानुसार प्रधानमंत्री की नियुक्ति करेगा
5. संसद के सदनो को बैठक हेतु बुलाना <br />▼
6. अनु 75 (3) मंत्री परिषद के सम्मिलित उत्तरदायित्व का प्रतिपादन करता है राष्ट्रपति मंत्री परिषद को किसी निर्णय पर जो कि एक मंत्री ने व्यक्तिगत रूप से लिया था पर सम्मिलित रूप से विचार करने को कह सकता है <br />▼
7. लोकसभा का विघटन यदि मंत्रीपरिषद को बहुमत प्राप्त नहीं है तो लोकसभा का विघटन उसकी विवेक शक्ति के दायरे में आ जाता है<br /> ▼
▲*6. अनु 75 (3) मंत्री परिषद के सम्मिलित उत्तरदायित्व का प्रतिपादन करता है राष्ट्रपति मंत्री परिषद को किसी निर्णय पर जो कि एक मंत्री ने व्यक्तिगत रूप से लिया था पर सम्मिलित रूप से विचार करने को कह सकता
▲*7. लोकसभा का विघटन यदि मंत्रीपरिषद को बहुमत प्राप्त नहीं है
== संविधान के अन्तर्गत राष्ट्रपति की स्थिति ==
|