"शकरकन्द": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Ipomoea batatasL ja01.jpg|thumb|250px|शकरकन्द]]
[[चित्र:Sweet potatoes, Padangpanjang.jpg|right|thumb|300px|शकरकन्द के छिलके कई रंग के होते हैं।]]
'''शकरकंद''' (sweet potato ; वैज्ञानिक नाम : Ipomoea batatas - ईपोमोएआ बातातास्) कॉन्वॉल्वुलेसी (Convolvulaceae - कोन्वोल्वूलाकेऐ) कुल का एकवर्षी पौधा है, पर यह अनुकूल परिस्थिति में बहुवर्षी सा व्यवहार कर सकता है। यह एक [[सपुष्पक पौधा]] है। इसके रूपान्तरित [[जड़]] की उत्पत्ति [[तने]] के पर्वसन्धियों से होती है जो जमीन के अन्दर प्रवेश कर फूल जाती है।है और उन फूले हुए जड़ों में काफी मात्रा में कार्बोहाइड्रेट इकट्ठा हो जाता है| जड़ का रंग लाल अथवा भूरा होता है एवं यह अपने अन्दर भोजन संग्रह करती है।
 
यह उष्ण अमरीका का देशज है। अमरीका से फिलिपीन होते हुए, यह [[चीन]], [[जापान]], [[मलेशिया]] और [[भारत]] आया, जहाँ व्यापक रूप से तथा सभी अन्य उष्ण प्रदेशों में इसको खेती होती है। यह ऊर्जा उत्पादक आहार है। इसमें अनेक विटामिन रहते हैं विटामिन "ए' और "सी' की मात्रा सर्वाधिक है। इसमें आलू की अपेक्षा अधिक स्टार्च रहता है। यह उबालकर, या आग में पकाकर, खाया जाता है। कच्चा भी खाया जा सकता है। सूखे में यह खाद्यान्न का स्थान ले सकता है। इससे स्टार्च और ऐल्कोहॉल भी तैयार होता है। बिहार और उत्तर प्रदेश में विशेष रूप से इसकी खेती होती है। फलाहारियों का यह बहुमूल्य आहार है। इसका पौधा गरमी सहन कर सकता है, पर तुषार से श्घ्रीा शीघ्र मर जाता है।
 
शकरकंद सुचूर्ण तथा अच्छी जोती हुई भूमि में अच्छा उपजता है। इसके लिए मिट्टी बलुई से बलुई दुमट तथा कम पोषक तत्ववालीतत्व वाली अच्छी होती है। भारी और बहुत समृद्ध मिट्टी में इसकी उपज कम और जड़ें निम्नगुणीय होती हैं। शकरकंद की उपज के लिए भूमि की अम्लता विशेष बाधक नहीं है। यह पीएच ५.० से ६.८ तक में पनप सकता है। इसकी उपज के लिए प्रति एकड़ लगभग ५० पाउंड नाइट्रोजन की आवश्यकता होती है। फ़ॉस्फ़ेट और पौटैश उर्वरक लाभप्रद होते हैं। पौधा बेल के रूप में उगता है। पौधा में कदाचित ही फूल और बीज लगते हैं।
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! colspan=2| सन २०१६ में शकरकन्द का उत्पादन