"वरुण (देव)": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
छोNo edit summary |
Srajaltiwari (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
पंक्ति 2:
उनको "[[असुर]]" की उपाधी दी गयी थी, मतलब की वो "देव" देवताओं के समूह से अलग थे। उनके पास जादुई शक्ति मानी जाती थी, जिसका नाम था [[माया]]। उनको इतिहासकार मानते हैं कि असुर वरुण ही [[पारसी धर्म]] में "[[अहुरा मज़्दा]]" कहलाए। बाद की पौराणिक कथाओं में वरुण को मामूली जल-देव बना दिया गया।
{{ऋग्वेद}}
[[श्रेणी:हिन्दू धर्म]]
[[श्रेणी:इन्द्र लोक के देवता]]
|