"इंदिरा गांधी अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र": अवतरणों में अंतर

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== इतिहास ==
 
[[१९३०]] में दिल्ली का प्रथम हवाई –अड्डा [[सफ़दरजंग विमानक्षेत्र]] बना था और यही १९६२ तक दिल्ली का प्रमुख हवाई अड्डा रहा<ref name="igicustoms">[http://www.igiacustoms.gov.in/igi-airport.htm]</ref> बढ़ते वायु यातायात के कारण व सफ़दरजंग में छोटी उड़ान-पट्टी की बड़े जेट विमानों को उतार पाने में अक्षम होने के कारण से १९६२ में लगभग सभी नागरिक उड़ान प्रचालन को पालम विमान क्षेत्र (तत्कालीन नाम, जिसे बाद में इ.गाँ.अ.विमानक्षेत्र कर दिया गया) को भेज दी गईं।<ref name="igicustoms"/> पालम विमानक्षेत्र का निर्माण [[द्वितीय विश्व युद्ध]] के दौराननादौरान स्टेशन, पालम के रूप में किया गया था और अंग्रेज़ों के जाने के बाद यह १९६२ तक मात्र वाय़ु सेना स्टेशन के रूप में ही कार्य कर रहा था।
 
पालम विमानक्षेत्र की सर्वोच्च यात्री क्षमता १३०० यात्री प्रति घंटा थी।<ref><span class="plainlinks"> [https://igiacustoms.gov.in/igi-airport.htm आई.जी.आई कस्टम्स – अबाउट आई.जी.आई एयरपोर्ट] </span></ref> १९७० के दशक के अंत तक वाय़ु यातायात में बढ़ोत्तरी के चलते, तत्कालीन टर्मिनल क्षमता के चार गुना क्षमता वाला नया टर्मिनल बनाया गया। २ मई १९८६ को इस नये बने टर्मिनल के उद्घाटन के समय पालम विमानक्षेत्र को भारत की पूर्व प्रधान मंत्री श्रीमती [[इंदिरा गांधी]] के नाम पर वर्तमान नाम इंदिरा गांधी अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र दिया गया, जिसे अंग्रेज़ी आद्याक्षरों में आई.जी.आई एयरपोर्ट भी कह दिया जाता है।