"श्वेत रक्त कोशिका": अवतरणों में अंतर

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रक्त में ल्यूकोसाइट्स की संख्या प्रायः किसी रोग का सूचक होता है। आमतौर पर रक्त की एक लीटर मात्रा में 4×10<sup>9</sup> से लेकर 1.1×10<sup>10</sup> के बीच श्वेत रक्त कोशिकायें होती हैं, जो किसी स्वस्थ वयस्क में रक्त का लगभग 1% होता है।<ref name="alberts table">{{Cite web|url=http://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/bv.fcgi?highlight=leukocyte,functions&rid=mboc4.table.4143|title=Leukocyte functions and percentage breakdown|accessdate=14 अप्रैल 2007|publisher=NCBI Bookshelf|year=2005|author=Alberts, Bruce|work=Molecular Biology of the Cell}}</ref> ल्यूकोसाइट्स की संख्या में ऊपरी सीमा से अधिक हुई वृद्धि ''श्वेताणुवृद्धि'' या [[ल्यूकोसाइटोसिस]] (leukocytosis) कहलाती है जबकि निम्न सीमा के नीचे की संख्या को ''श्वेताणुह्रास'' या [[ल्यूकोपेनिया]] (leucopenia) कहा जाता है। ल्यूकोसाइट्स के भौतिक गुण, जैसे मात्रा, चालकता और कणिकामयता, सक्रियण, अपरिपक्व कोशिकाओं की उपस्थिति, या ''श्वेतरक्तता'' ([[ल्यूकेमिया]]) की हालत में घातक ल्यूकोसाइट्स की उपस्थिति में कैंसर का कारण बन सकते हैं।
 
'''वेत रक्त कोशिकायें''' (WBC), या श्वेताणु या ल्यूकोसाइट्स ([[यूनानी]]: ल्यूकोस-सफेद और काइटोस-कोशिका), शरीर की संक्रामक रोगों और बाह्य पदार्थों से रक्षा करने वाली [[प्रतिरक्षा प्रणाली]] की कोशिकायें हैं। ल्यूकोसाइट्स पांच☃☃ विभिन्न और विविध प्रकार की होती हैं, लेकिन इन सभी की उत्पत्ति और उत्पादन [[अस्थि मज्जा]] की एक मल्टीपोटेंट, हीमेटोपोईएटिक स्टेम सेल से होता है। ल्यूकोसाइट्स पूरे शरीर में पाई जाती हैं, जिसमें [[रक्त]] और [[लसीका]] प्रणाली शामिल हैं।इनका निर्माण अस्थि मज्जा में होता है। इसे शरीर का सिपाही के नाम से भी जाना जाता है। ये एंटीजन और एंटीबॉडी का निर्माण करती है जो प्रतिरक्षा तंत्र में भाग लेती है।एक बार बनी हुयी एंटीबॉडी जीवन भर नष्ट नहीं होती है।स्वेत रक्त कोशिकाओं का अपने स्तर से कम बनना ल्यूकेमिया कहलाता है जिसे हम ब्लड कैंसर भी कह सकते हैं। ☃☃ ↵रक्त में ल्यूकोसाइट्स की संख्या प्रायः किसी रोग का सूचक होता है। आमतौर पर रक्त की एक लीटर मात्रा में 4×10<sup>9</sup> से लेकर 1.1×10<sup>10</sup> के बीच श्वेत रक्त कोशिकायें होती हैं, जो किसी स्वस्थ वयस्क में रक्त का लगभग 1% होता है।☃☃ ल्यूकोसाइट्स की संख्या में ऊपरी सीमा से अधिक हुई वृद्धि ''श्वेताणुवृद्धि'' या [[ल्यूकोसाइटोसिस]] (leukocytosis) कहलाती है जबकि निम्न सीमा के नीचे की संख्या को ''श्वेताणुह्रास'' या [[ल्यूकोपेनिया]] (leucopenia) कहा जाता है। ल्यूकोसाइट्स के भौतिक गुण, जैसे मात्रा, चालकता और कणिकामयता, सक्रियण, अपरिपक्व कोशिकाओं की उपस्थिति, या ''श्वेतरक्तता'' ([[ल्यूकेमिया]]) की हालत में घातक ल्यूकोसाइट्स की उपस्थिति में कैंसर का कारण बन सकते हैं। narendraRajKumar kumarBharati D.ped
 
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