"एस्कर": अवतरणों में अंतर
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हिमानी के पिघलने पर उसके [[जलोढ़]] निक्षेपों, विशेषकर बजरी, रेत, कंकड-पत्थर आदि के निक्षेपण से लम्बे, संकरे, लहरदार एवं किनारे तीव्र ढाल वाले टीलो को एस्कर कहते हैं। कभी-कभी कुछ अन्तर में एस्कर की मोटाई अधिक हो जाती हैं, ये चोड़े भाग एस्कर में इस तरह लगते हैं जैसे किसी ने रस्सी या धागे में दाने पिरो दिए हो। इस तरह के एस्कर को मालाकार एस्कर कहते हैं।
ग्रीष्म ऋतु में हिमनद के पिघलने से जल
{{साँचा:हिमानी स्थलाकृति}}
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