"वसन्त पञ्चमी": अवतरणों में अंतर
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'''[[परमार भोज|राजा भोज]]''' का जन्मदिवस वसंत पंचमी को ही आता हैं। राजा भोज इस दिन एक बड़ा उत्सव करवाते थे जिसमें पूरी प्रजा के लिए एक बड़ा प्रीतिभोज रखा जाता था जो चालीस दिन तक चलता था। <ref>{{cite web |url= http://delhipubliclibrary.in/cgi-bin/koha/opac-detail.pl?biblionumber=92037}}</ref>
वसन्त पंचमी [[हिन्दी साहित्य]] की अमर विभूति महाकवि [[सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला']] का जन्मदिवस (28.02.1899) भी है। निराला जी के मन में निर्धनों के प्रति अपार प्रेम और पीड़ा थी। वे अपने पैसे और वस्त्र खुले मन से निर्धनों को दे डालते थे। इस कारण लोग उन्हें 'महाप्राण' कहते थे। इस दिन जन्मे लोग कोशिश करे तो बहुत आगे जाते
== सन्दर्भ ==
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