"महाराणा प्रताप": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Statue of Maharana Pratap of Mewar, commemorating the Battle of Haldighati, City Palace, Udaipur.jpg|right|thumb|300px|चेतक पर सवार राणा प्रताप की प्रतिमा (महाराणा प्रताप स्मारक समिति, मोती मगरी , [[उदयपुर]])]]
[[चित्र:Rana pratap Birla mandir 6 dec 2009 (43).JPG|200px|thumb|right|[[बिरला मंदिर, दिल्ली]] में महाराणा प्रताप का शैल चित्र]]
Fifubj j'''[[उदयसिंह द्वितीय|राणा उदयसिंह]] केे दूसरी रानी धीरबाई जिसे राज्य के इतिहास में रानी भटियाणी''' के नाम से जाना जाता है, यह अपने पुत्र कुंवर जगमाल को मेवाड़ का उत्तराधिकारी बनाना चाहती थी | प्रताप केे उत्तराधिकारी होने पर इसकेे विरोध स्वरूप जगमाल अकबर केे खेमे में चला जाता है |
 
महाराणा प्रताप का प्रथम राज्याभिषेक मेंं 28 फरवरी, 1572 में [[गोगुन्दा]] में होता हैै, लेकिन विधि विधानस्वरूप राणा प्रताप का द्वितीय राज्याभिषेक 1572 ई. में ही [[कुम्भलगढ़ दुर्ग|कुुंभलगढ़़ दुुर्ग]] में हुआ, दूूूसरे राज्याभिषेक में [[जोधपुर]] का राठौड़ शासक [[राव चन्द्रसेन|राव चन्द्रसेेन]] भी उपस्थित थे |
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राणा प्रताप ने अपने जीवन में कुल ११ शादियाँ की थी उनके पत्नियों और उनसे प्राप्त उनके पुत्रों पुत्रियों के नाम है:-
 
#महारानी अजाब्दे पंवार :- अमरसिंह और भगवानदास
#अमरबाई राठौर :- नत्था
#शहमति बाई हाडा :-पुरा