"आतिफ़ असलम": अवतरणों में अंतर

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इंडियन आर्मी की बदनामी करता ये लेटर वायरल हो रहा है, पाकिस्तानी दबा के शेयर कर रहे
https://biographyinhindi.in/atif-aslam-biography-in-hindi/
सौरभ
[[श्रेणी:जीवित लोग]]
इंडियन आर्मी की बदनामी करता ये लेटर वायरल हो रहा है, पाकिस्तानी दबा के शेयर कर रहे
[[श्रेणी:पाकिस्तानी गायक]]
आर्मी का बताकर ये फेक लेटर वायरल किया जा रहा है.
[[श्रेणी:1983 में जन्मे लोग]]
सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग की शिकार अबकी बार इंडियन आर्मी हो गई है. मगर ये चिंता पैदा करने वाला है. वो इसलिए क्योंकि ये ट्रोलिंग पाकिस्तान की तरफ से की जा रही है. इंडियन आर्मी का बताते हुए एक लेटर शेयर किया जा रहा है. लेटर के सबसे ऊपर लिखा है- सीक्रेट. लेटर पैड डायरेक्टरेट ऑफ मिलिटरी इंटेलिजेंस, दिल्ली का है. सब्जेक्ट है- भारतीय सेनाओं के जवानों के मोटिवेशन का हालिया स्टेटस. लिखा है कि आर्मी में मोटिवेशन का हाल जानने के लिए एक स्टडी की गई है. सितंबर 2012 से अक्टूबर 2017 के बीच का टाइम पीरियड बताया गया. इन 5 साल में जो बातें सामने आईं. वही इस लेटर को विवादित बना देती हैं. और वही बताती हैं कि लेटर में झोल है. पहले ये पॉइंट्स देखिए-
[[श्रेणी:गायक]]
 
यही वो फेक लेटर है जो शेयर किया जा रहा है.
यही वो फेक लेटर है जो शेयर किया जा रहा है.
A. मोटिवेशन और लड़ने का जुनून तीनों सेनाओं में अब तक के सबसे निचले स्तर पर मिला.
 
B. मनोबल गिरने के पीछे 5 कारण मिले हैं-
1. कश्मीर और अन्य महत्वपूर्ण फॉरवर्ड लोकेशंस पर खाने-पीने से लेकर अन्य सुविधाओं की खस्ता हालत.
 
2. होमोसेक्सुएलिटी के मामलों में अप्रत्याशित बढ़ोतरी.(532 केस ऑफिसर्स के और 2267 केस सैनिकों के पिछले 5 साल में)
 
3. शहीदों के परिवारों की ठीक से देखभाल की व्यवस्था नहीं.
 
4. अधिकारियों और सैनिकों के बीच धर्म और हिंदू जाति प्रथा के हिसाब से भेदभाव.
 
5. अधिकारियों के द्वारा सैनिकों का शोषण.
 
C. ऊपर बताई गईं सभी बातों के कारण आर्मी में आत्महत्याओं का रेट 2012 से 2017 के बीच बढ़कर करीब 100 प्रति साल का आंकड़ा पार कर गया है.
 
पढ़ लिया लेटर. क्या आया दिमाग में. यही ना कि अगर ये बातें हों भी तो आर्मी उसे लिखेगी थोड़ी ना. हंसी भी आ रही होगी. क्या अनाप-शनाप बातें लिखी हैं. अब बता दें कि आर्मी ने इस लेटर को एकदम फर्जी बताया है. इंडियन आर्मी के ट्विटर अकाउंट ने इस लेटर को लेकर ट्वीट भी किया है. कहा है कि ऐसा कोई भी लेटर आपके पास पहुंचे तो उसका खंडन करें और आर्मी को सूचना दें. देखिए- लेखक अली अहमद