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== दलित साहित्य ==
{{main|[https://historyguruji.com/गैर-ब्राह्मण-और-दलित-आंदो दलित साहित्य}}]
हालांकि साहित्य में दलित वर्ग की उपस्थिति [[बौद्ध]] काल से मुखरित रही है किंतु एक लक्षित [[मानवाधिकार]] [[आंदोलन]] के रूप में दलित साहित्य मुख्यतः बीसवीं सदी की देन है।<ref>भारतीय दलित आंदोलन : एक संक्षिप्त इतिहास, लेखक : [[मोहनदास नैमिशराय]], बुक्स फॉर चेन्ज, आई॰एस॰बी॰एन॰ : ८१-८७८३०-५१-१</ref>[[रवीन्द्र प्रभात]] ने अपने उपन्यास [[ताकि बचा रहे लोकतन्त्र]] में दलितों की सामाजिक स्थिति की वृहद चर्चा की है<ref>ताकि बचा रहे लोकतन्त्र, लेखक - रवीन्द्र प्रभात, प्रकाशक-हिन्द युग्म, 1, जिया सराय, हौज खास, नई दिल्ली-110016, भारत, वर्ष- 2011, आई एस बी एन 8191038587, आई एस बी एन 9788191038583</ref> वहीं डॉ॰एन.सिंह ने अपनीं पुस्तक "दलित साहित्य के प्रतिमान " में हिन्दी दलित साहित्य के इतिहास कों बहुत ही विस्तार से लिखा है।<ref>दलित साहित्य के प्रतिमान : डॉ॰ एन० सिंह, प्रकाशक : वाणी प्रकाशन, नई दिल्ली -११०००२, संस्करण: २०१२</ref>"ठाकुर का कुँआ"प्रेमचन्द्र की एक प्रसिद्ध कहानी है,जिसका कथानक अस्पृश्यता पर केंद्रित है।कहानी की मुख्य पात्र गंगी अपने बीमार पति के लिए कुएँ का साफ पानी नहीं ला पाती है, क्योंकि उच्च जाति के लोग दलितों को अपने कुएँ से पानी नहीं लाने देतें हैं।<ref>मानसरोवर:प्रकाशक :हंस बुक डिपो,इलाहाबाद-३</ref>
 
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