"नील विद्रोह": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
अब मन में सिर्फ एक ही सवाल उठता है कि क्या ये सब जो यहाँ लिखा है क्या ये सब ठीक है के नहींं। अगर ये सब ठीक नहीं है तो यह प्रार्थियों के साथ एक बहुत बड़ा धोखा है। |
Contactjp67 (वार्ता | योगदान) छोNo edit summary |
||
पंक्ति 5:
== बीसवीं शताब्दी में ==
[[बिहार]] के [[बेतिया]] और [[मोतिहारी]] में १९०५-०८ तक उग्र विद्रोह हुआ। ब्लूम्सफिल्ड नामक अंग्रेज की हत्या कर दी गई जो कारखाने का प्रबन्धक था। अन्ततः १९१७-१८ में [[महात्मा गांधी|गांधीजी]] के नेतृत्व में [[चंपारण विद्रोह|चम्पारन सत्याग्रह]] हुआ जिसके फलस्वरूप 'तिनकठिया' नामक जबरन नील की खेती कराने की प्रथा समाप्त हुई। 'तिनकठिया' के अन्तर्गत [https://historyguruji.com/ब्रिटिश-भारत-में-किसान-आं किसानों] को ३/२० (बीस कट्ठा में तीन कट्ठा) भूभाग पर नील की खेती करनी पड़ती थी जो जमींदारों द्वारा जबरदस्ती थोपी गई थी।
''''नील विद्रोह (चंपारन विद्रोह)'''— सर्वप्रथम यह विद्रोह [[बंगाल]] 1859—61 में शुरू हुआ था, पूर्व में भी इस विद्रोह को भारतीयों द्वारा कुचल दिया गया था। जब गांधी जी ने [[चंपारन]] विद्रोह किया तो पाया कि वहां के [https://historyguruji.com/ब्रिटिश-भारत-में-किसान-आं किसानों] को ब्रिटिश सरकार जबरन 15 प्रतिशत भूभाग पर नील की खेती करने के लिए बाघ्य कर रही थी, तथा 20 में से 3 कट्टे किसानों द्वारा यूरोपीयन निलहों को देना होता था जिसे आज हम तिनकठिया प्रथा के रूप में भी जानते हैं। भारतीय किसान, जिसकी दशा पहले से ही बहुत खराब थी, एैसी विषम परिस्थितियों में ब्रिटिश सरकार की यह हुकुमत उनके लिए परेशानी का सबब बन गयी। जब 1917 में गांधी जी एैसी विषम परिस्थितियों से अवगत हुए तो उन्होने बिहार जाने का फैसला कर दिया। गांधी जी [[मजरूल हक]], [[नरहरि पारीख]], [[राजेन्द्र प्रसाद]] एवं [[जे0 बी0 कृपलानी]] के साथ बिहार गये और ब्रिटिश हुकुमत के खिलाफ अपना पहला सत्याग्रह प्रदर्शन कर दिया। ब्रिटिश सरकार ने उनके खिलाफ उन्हे वहां से निकालने का फरमान जारी किया किन्तु गांधी जी और उनके सहयोगी वहीं जुटे रहे और अन्तत: ब्रिटिश हुकुमत ने अपना आदेश वापिस लिया और गांधी जी द्वारा निर्मित समिति से बात करने के लिए सहमत हो गयी। फलत: गांधी जी ने बिहार (चंपारन) के किसानों की दयनीय परिस्थितियों से इस प्रकार शासन को अवगत करवाया की वह मजबूरन इस प्रकार के कृत्य को रोकने के लिए मजबूर हो गये।
==सन्दर्भ==
पंक्ति 15:
* [[चंपारण विद्रोह]]
* [[नीलदर्पण]]
*[https://historyguruji.com/ब्रिटिश-भारत-में-किसान-आं ब्रिटिश भारत में किसान आंदोलन]
== बाहरी कड़ियाँ ==
Line 22 ⟶ 23:
[[श्रेणी:भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम]]
[
{{इति-आधार}}
|