"दोहा": अवतरणों में अंतर
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रमणीभ्यो रमणीयतरमन्यत् किमपि न अस्तु
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दोही दोहे का ही एक प्रकार है। इसके विषम चरणों में १५-१५ एवं सम चरणों में ११-११ मात्राऐं होती
बड़ा हुआ तो क्या हुआ
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